पावनसिटी खंडवा – बुरहानपुर निवासी हमीदा के पेट में गठान थी, और वह उसके कारण हमेशा पेट दर्द से परेशान रहती थी। पिछले दिनों हमीदा जिला अस्पताल खंडवा में भर्ती हुई और उसके गर्भाशय के पास स्थित लगभग 20 से.मी. आकार की गठान को ऑपरेशन कर सफलता पूर्वक निकाल दिया गया, जिससे अब हमीदा पूरी तरह स्वस्थ है। इसके लिए वह अस्पताल के डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की सराहना करती है और डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ का आभार व्यक्त करती है।
उल्लेखनीय है कि बुरहानपुर निवासी हमीदा पति वसीम अख्तर उम्र 34 वर्ष जिला अस्पताल बुरहानपुर से रेफर होकर श्री दादाजी धूनीवाले जिला अस्पताल खंडवा में गत दिनों ओ.पी.डी. में आई, तो उसे डॉक्टर रसना ने भर्ती किया। उसके बाद डॉक्टर लक्ष्मी डुडवे स्त्री रोग विशेषज्ञ ने विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण किया। जांच के दौरान सोनोग्राफी में पता चला कि हमीदा के गर्भाशय के पास लगभग 16 सेंटीमीटर की गठान है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लक्ष्मी डुडवे एवं डॉक्टर निशा पंवार ने तत्काल आपातकालीन स्थिति में हमीदा के परिजनों को ऑपरेशन से गठान निकालने की सलाह दी। तुरंत सर्जन डॉक्टर रिंकू यादव से संपर्क किया गया। उनके सहयोग से निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. भारती, डॉक्टर कोमल छाबड़ा एवं पूरी टीम के सहयोग सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया।
डॉ. निशा पंवार ने बताया कि जब ऑपरेशन करने लगे तो उस दौरान पता चला कि गठान लगभग 20 सेंटीमीटर की है और गर्भाशय की हड्डी में पूरी तरह से फँसी हुई है। ऐसी स्थिति में महिला की जान बचाना डॉक्टर के लिए अत्यंत चुनौती पूर्ण कार्य था। मरीज की स्थिति गंभीर थी, लेकिन डॉक्टर्स की टीम की मेहनत से सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर गठान निकाल दी गई। हमीदा को एक यूनिट खून चढ़ाया गया तथा लगातार वेंटिलेटर पर रखकर पूरी टीम ने उसकी निगरानी की, जिससेे हमीदा की स्थिति में सुधार होने लगा और धीरे-धीरे वह बिल्कुल सामान्य हो गई तथा अब जनरल वार्ड में भर्ती है। हमीदा की सास रजिया ने बताया कि जब यहां पर बहू को लेकर आए थे उसको पेट में असहनीय दर्द हो रहा था, खून की कमी थी और स्थिति गंभीर थी। जिला अस्पताल खंडवा की डॉक्टरों की टीम ने मेरी बहू का समय पर अच्छा इलाज किया उसको खून की बोतल चढ़ाई जिसकी वजह से मेरी बहू की जान बची। रजिया ने बताया कि डॉक्टर लक्ष्मी डूडवे, इमरजेंसी वार्ड की इंचार्ज अंजलि काजले, नर्सिंग ऑफिसर दीपिका, खतीजा एवं पूरी टीम की तत्परता और सूझबूझ से मेरी बहू की जान बच गई, जिससे अब वह बहुत खुश है। रजिया ने बताया कि “आयुष्मान भारत योजना” के तहत सभी सुविधाएं अस्पताल में निःशुल्क प्राप्त हुई, जिससे बिल्कुल खर्चा नहीं हुआ।
