पावनसिटी समाचार पत्र हरदा
संपादक- अशफाक अली
मध्य प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों की अब नहीं चलेगी मनमानी निजी स्कूल के संचालकों को विद्यालय के पोर्टल पर फीस की जानकारी अपलोड करना अनिवार्य गया है मध्य प्रदेश के शासन में शिक्षक विभाग के द्वारा यह निर्णय लिया गया है निजी स्कूल के संचालकों द्वारा बच्चों के माता-पिता से जब चाहे जब स्कूल बच्चों की फीस में वृद्धि कर दी जाती थी माता-पिता कभी विरोध करते थे तो वह बच्चों को नहीं पढ़ने की धमकी देते थे मध्य प्रदेश शासन द्वारा इस पहल से बच्चों के अधिक फीस अधिक का भार का दबाव कम हो जाएगा निजी स्कूलों के संचालक द्वारा बच्चों से कहीं तरह के स्कूली कार्यक्रमों के रूप में भी फीस वसूली जाती है जो गलत है स्कूलों द्वारा बच्चों से साल भर की फीस एक साथ जाम कराई जाती है जो नियम विरुद्ध गलत है जो गलत है जिला मध्य प्रदेश के जिले के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूल के संचालक को से इस बात की जानकारी लेना चाहिए कि बच्चों से स्कूली फीस त्रैमासिक छमासिक और सालाना फीस लेने का प्रावधान नहीं है मगर आज भी निजी स्कूलों में ऐसे ही फीस वसूली जा रही है
मध्य प्रदेश के सभी निजी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा फीस में अनियमित वृद्धि रोकने के लिये प्रावधान लागू किये गये है। इसके अलावा किताबें, यूनिफॉर्म, टाई एवं कॉपियों पर किसी विशेष दुकान से क्रय नहीं किये जाने संबंधित नियम भी लागू है। इन नियमों में वर्णित प्रावधानों के तहत निजी विद्यालयों में उपयोग की जाने वाली स्टेशनरी, पठन सामग्री, बैग, यूनिफॉर्म, स्पार्ट्स किट, ट्रासपोर्ट सुविधा और फीस से संग्रहित की जाने वाली राशि का विवरण विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर तथा अधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के निेर्देश भी है। इसी के साथ निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा कक्षा वार एवं मद वार आगामी सत्र की प्रस्तावित फीस संरचना को स्कूल शिक्षा विभाग के फीस विनियमन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। प्रदेश में इस वर्ष लगभग 10200 प्राइवेट स्कूलों द्वारा पोर्टल पर फीस का विवरण अपलोड किया जा चुका है। प्रदेश में जिन विद्यालयों की किसी भी कक्षा की वार्षिक फीस संरचना 25 हजार रूपये या उससे कम है, उन्हें फीस संरचना की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने से मुक्त रखा गया है। इन विद्यालयों को इस संबंध में पोर्टल पर शपथ पत्र अपलोड करने की निर्धारित तिथि भी दी गई थी। ऐसे विद्यालय जो समय-सीमा की जानकारी अपलोड नहीं करेंगे उनके विरूद्ध जिला समिति द्वारा कानूनी कार्यवाही की जाएगी। प्रदेश में निजी विद्यालयों के विरूद्ध प्राप्त होने वाली शिकायतों के निराकरण के लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला समिति भी कार्य कर रही है।