हरदा जिले में नेशनल लोक अदालत का हरदा न्यायालय में लगाई गई जिसमें 24 करोड़ के अवार्ड हुए पारित, कुल 1165 पक्षकारगणों को मिला सीधा लाभ प्री-लिटिगेशन स्तर पर कुल 983 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 74,22,585 रूपये के अवार्ड पारित किए तथा 1098 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदा  अरविंद रघुवंशी के कुशल मार्गदर्शन में शनिवार को जिला न्यायालय हरदा एवं व्यवहार न्यायालय खिरकिया तथा व्यवहार न्यायालय टिमरनी में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया ।
लोक अदालत में जिले में कुल 14 खण्डपीठ बनाई थी, जिसमें से 13 खण्डपीठ न्यायालयों की तथा 1 खण्डपीठ उपभोक्ता फोरम की बनाई गई थी। गठित खण्डपीठों द्वारा सुलह समझौते के आधार पर कुल 575 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 24,01,68,776 (चौबीस करोड़ एक लाख अडसठ हजार सात सौ छियत्तर रूपये) के अवार्ड पारित किए गए तथा कुल 1165 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया। इसी तरह प्री-लिटिगेशन स्तर पर कुल 983 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 74,22,585 रूपये के अवार्ड पारित किए गए तथा 1098 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया।
लोक अदालत में पक्षकारगणों को गठित खण्डपीठों द्वारा दी गई समझाईश के उपरांत पक्षकारगण अपने-अपने प्रकरणों को समाप्त करने के लिए राजी हुए। पक्षकारगणों को उनके राजीनामें करने पर प्रकरण समाप्त होने पर स्मृति स्वरूप फलदार पौधे भेंट किए गए तथा उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ विदा किया गया

लोक अदालत में 20 वर्ष पुराना प्रकरण हुआ निराकृत, मामले से छुटकारा पाकर पक्षकारगण हुए खुश
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवंअध्यक्ष अरविंद रघुवंशी के मार्गदर्शन में  आयोजित वर्ष 2025 की तृतीय नेशनल लोक अदालत में प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, तनवीर अहमद खान के न्यायालय में 20 वर्षों से लंबित मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण क्रमांक 35/2004 का अंतिम निराकरण उभय पक्ष के मध्य राजीनामा के आधार पर हुआ।
प्रकरण के तथ्य अनुसार 30 मई 1996 को प्रातः लगभग 09:30 बजे आवेदक उधो पिता राजाराम अपने कुत्ते टाईगर के साथ घर के सामने खडे थे तभी अनावेदक दिनेश पिता मन्नूलाल तेज रफ्तार से स्कूटर चलाकर कर लाया तथा आवेदक के कुत्ते पर स्कूटर चढा दिया। कुत्ते की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के संबंध में आवेदक द्वारा आरक्षी केन्द्र हरदा में रिपोर्ट दर्ज करायी गई। आवेदक द्वारा उसके कुत्ते की मोटरयान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के कारण एक लाख रूपये प्रतिकर राशि व 18 प्रतिशत की दर से ब्याज राशि दिलाये जाने हेतु मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण में 23 अगस्त 2004 को आदेश पारित कर आवेदक को कुल 8000 रूपये क्षतिपूर्ति राशि मय 9 प्रतिशत ब्याज दिलाये जाने आदेशित किया गया। आदेश से असंतुष्ट होकर अनावेदक मनोज कुमार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष सिविल रिव्हीजन क्रमांक 642/04 दिनेश कुमार व अन्य विरूद्ध उधो सोनकर प्रस्तुत की गई थी। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उक्त रिवीजन प्रकरण में आदेश दिनांक 08.01.2024 के द्वारा उक्त राशि को घटाकर 4000 रूपये मय ब्याज अनावेदक द्वारा आवेदक को प्रतिकर स्वरूप प्रदान किये जाने हेतु आदेशित किया गया।

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