तेरे दिल में जगा बनाए वो जज्बात कहां से लाऊं
तेरे ही है तलबगार ये दिल जो तुझे हो पंसद,
वो अन्दाज कहां से लाऊं,
मेरी हसरतों को तुम समझ नहीं पाओगी,
जो तुम्हें समझ में आए वो अहसास कहा से लाऊं,
कुछ नहीं है जिन्दगी मेरी तेरी यादों के सिवा,,
जो तुझ पे कर सकू निसार,
वो खुशियों की बहार कहां से लाऊं,
तेरे इन्तजार में ही जिन्दगी का लम्हा-लम्हा गुजर गया,
कभी हो तुझको भी मेरा इन्तजार,
ऐसे लम्हात कहां से लाऊं,