पावनसिटी समाचार पत्र हरदा

संपादक- अशफाक अली

हरदा कलेक्टर कार्यालय में भारती भल्लवी सौजन्य से आंचल कक्ष का बनाया गया है उनके द्वारा यह कक्ष बनाकर महिलाओं के सम्मान के लिए एक पल की गई थी जो अब कावड़ा कक्ष में तब्दील हो चुका है   पुरुषों का आना वर्जित है वहीं पुरुषों के द्वारा चाय के कप के डिस्पोजल फेक जा रहे हैं कक्षा में होर्डिंग अन्य सामग्री रखी हुई है   मां का दूध शिशु के लिए अमृत है  मां का दूध प्राकृतिक कई अनमोल  है जन्म के बाद हर बच्चे को मिले उसका अधिकार है जिसमें मां के के स्वस्थ शिशु की क्या पहचान है संपूर्ण टीकाकरण एवं स्तनपान अपने बच्चों को आंचल कक्ष रखकर बच्चों को मां का दूध अमृत है हरदा कलेक्टर कार्यालय के में गेट के सामने जीने के बाजू से आंचल कक्ष बनाया गया है जिसमें सामने एक पर्दा डाला हुआ है कक्षा के अंदर महिला को बैठने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है महिला को बैठने की सुविधा के लिए कुर्सी नहीं लगी गई है ना वहां लाइट की व्यवस्था है ना ही सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी सुविधा मौजूद नहीं है कक्षा के अंदर अंधेरा ही अंधेरा है अब आप ही कल्पना लगा सकते हैं कि जब कलेक्टर कार्यालय में आंचल आंचल कक्ष के स्तनपान यह स्थिति बनी हुई है तो बन अंचल ग्रामीण क्षेत्र का क्या हाल बना हुआ होगा उदाहरण हरदा कलेक्टर कार्यालय में बने आंचल कक्ष को देखकर लगाया जा सकता है कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर से लेकर सभी विभागीय अधिकारी सप्ताह में 5 दिन कार्यालय में मौजूद रहते हैं मगर किसी का भी इस और कभी ध्यान नहीं दिया गया किताबों पर होर्डिंगो पर विज्ञापनों पर लाखों रुपए का खर्च कर रही है कहावत है ना अपने आंगन दिया अंधेरा यह कहावत हरदा कलेक्टर कार्यालय पर सिद्ध होती है हमने जब उसे कक्षा का निरीक्षण किया तो कक्षा के अंदर चाय के डिस्पोजल से लेकर कई बेस्ट सामग्री अंदर पड़ी हुई मिली और विश्वास से अंदाजा लगा सकता है कि इसकी रखरखाव किसके द्वारा की जा रही है स्वास्थ्य विभाग के द्वारा समय-समय पर म मां के दूध का यीशु के लिए कितना पौष्टिक माना जाता है विभाग के द्वारा कैंप लगाए जाते हैं माता को अपने बच्चों स्तनपान के दूध को अमृत बताया जाता हैयह भी एक प्रश्न चिन्ह है हमारे संपादक के द्वारा यह बात कलेक्टर की संज्ञान में लाई जा रही है कब तक आंचल कक्ष में सुधार होगा?