पुरनूर है अब सहेरी और अफतार की रौनके…
अल्लाह पाक की रहमतों के साये में, आज फिर दिल मुस्कुराया, रमजान आया…रमजान आया… इन्तजार की घडिय़ा अब लफजों में…
अल्लाह पाक की रहमतों के साये में, आज फिर दिल मुस्कुराया, रमजान आया…रमजान आया… इन्तजार की घडिय़ा अब लफजों में…