Plastic is a sweet poison for the earthEditorial

हमारी धरती के लिए कुछ सालों से प्लास्टिक के प्रदूषण के दुष्परिणाम बहुत ही गंभीर स्वरूप ले रहे हैं। जिस तेजी से दिन प्रतिदिन प्लास्टिक का उपयोग बड़ा है उससे जुड़ी समस्याएं भी गंभीर रूप लेती जा रही है। सरकार के प्रयासों के बावजूद भी प्लास्टिक के उपयोग पर रोक भी नहीं लगाई जा रही है। जो आगे चलकर हमारी पृथ्वी के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है। जमीन में बिखरा हुआ प्लास्टिक मिट्टी में जाकर पानी में घुलते हुए महासागरों में पहुंच रहा है।

प्लास्टिक जानवरों और इंसानों के लिए भी दिन प्रतिदिन बीमारियों का सबव बनता जा रहा है। अब इसके इतने गंभीर परिणाम देखने का मिल रहे है कि प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए अपनाई जा रही रीसाइक्लिंग की तकनीक कारगर सिद्ध नहीं हो रही है। प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का जमीन या जल में इकट्ठा होना प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है, जिसका इंसान और पृथ्वी मौजूद तमाम जीव जन्तु जानवरों पर इसका बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है।

प्लास्टिक की खपत को कम करने और प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने के प्रयास कुछ क्षेत्रों में हुए जरूर है लेकिन इसका कोई ठोस उपाय नजर नहीं आ रहा है। जिससे उसके दुष्परिणामों से हमारी धरती की हिफाजत की जा सकें।

सबसे ज्यादा प्लास्टिक कैरी बैग मानव जीवन के लिए एक बड़ा खतरा बन कर सामने आ रहा है। कैरी बैग के बढ़ते प्रयोग को कम नहीं किया जा रहा है। अब तक इसका कोई ठोस उपाय भी नहीं निकाला गया है। जिसकी वजह से समस्या यूं की तू बनी हुई है। इसमें कोई शक नहीं जनता कारोबारियों से उम्मीद करती है कि वे प्लास्टिक के उत्पादन को कम करने की जिम्मेदारी लें। छोटे से छोटे शहर में पांच से सात क्विंटल कैरी बैग्स की बिक्री होती है।

प्रदूषण का सिलसिला तब शुरू होता है जब काम में आने के बाद इन कैरी बैग्स को कचरे के रूप में जहां-तहां फेक दिया जाता है। बायोडिग्रेडेबल नहीं होने के कारण प्लास्टिक कैरी बैग कभी सड़ता या गलता नहीं है और पर्यावरण के लिए खतरा बन जाता है। ये सोचने वाली बात है आज हमारी गलती की वजह से ही प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्परिणाम बहुत ही गंभीर स्वरूप ले रहे हैं। हम खुद इस समस्या को दूर करने का प्रयास नहीं कर रहे है। अगर हम चाहे तो प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग खुद करना बंद कर सकते है। और इसके स्थान पर कागज या कपड़े से बनी कैरी बैंग का उपयोग कर सकते है। अगर हम अपनी धरती को इस गंभीर समस्या की चपेट में आने से बचाना चाहते है तो हमें खुद आगे आकर प्रयास करने की जरूरत है।

हमारी धरती हमारी माँ के समान है तो उसके प्रति भी हमारा कुछ फर्ज बनता है। अगर हम बीमार होने पर अपने पर्यावरण में मौजूद विभिन्न अनमोल खजानों का उपयोग करके अपनी सहेत को ठीक कर सकते है तो हमें भी आज हमारे पर्यावरण पर आ रहे इस गंभीर खतरे को समझना चाहिए। और अपनी जिन्दगी में प्लास्टिक के उपयोग को बंद करके अपनी धरती के प्रति अपने फर्ज को निभाना चाहिए। हम मानते है हम प्लास्टिक के उपयोग को पुरी तरह से बंद नहीं कर पायेगें। लेकिन कुछ हद तक इसके उपयोग को सीमित तो हम कर सकते है।

विभिन्न शोध ये साबित करते है आज तक प्लास्टिक का रीसाइक्लिंग का हमारे पास कोई ठोस उपाय नहीं है। अगर हम इसे जला कर खत्म करते है तो ये वायु प्रदूषण की वजह बनता है। ऊपर से इसका इतना ज्यादा उपयोग किया जाता है कि आज हमारे देश में प्लास्टिक कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े हो गए है। और इन सबका रीसाइक्लिंग करना बहुत मुश्किल है।

हम चाहे तो प्लास्टिक की खपत को कम सकते है और प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को बढ़वा दे सकते है प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए इसका रीसाइक्लिंग कर यूजेबल प्रोडक्ट बना सकते हैं। लेकिल इसकी मात्रा इतना ज्यादा है कि ऐसा कर पाना एक हद तक संभव नहीं नजर आता है।

आज हमारे देश में प्लास्टिक कचरें का इतना भंडारण हो गया है। हमारे देश में कई इलाके ऐसे मौजूद है जहां पहुंचने पर आपको सिर्फ प्लास्टिक कचरें के पहाड़ ही नजर आयेगे। ये वो जगह है जहां इंसान का सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। तो आप सोच सकते है जानवरों और पंक्षियों का यहां कितना गुजर होता होगा। यहां देखने पर न तो कोई पक्षी नजर आयेगा न कोई जानवर ऐसा लगता यहां की दुषित वायु की वजह से यहां के जानवरों पक्षी कब से मौत के अगोश में समा चुके है।

अब यही लगता है अब बारी है उन इंसानों की जो यहां के आस-पास की बस्तियों में रहते है। ये वो गरीब और मजदूर वर्ग के लोग होते है जिनके पास रहने का कोई और आसरा नहीं होता है जो यहां रहने के लिए मजबूर है। और इन रहवासियों को कई तरह की गंभीर बीमारियां देखी गई जो इस प्लास्टिक प्रदूषण की वजह से ही हो रहा है।

हम आज हर तरह से प्लास्टिक का यूज कर रहे और इसके गंभीर परिणाम से भी वाकिफ है फिर न जाने क्यों हम इस समस्या को समस्या नहीं समझ रहे है। प्लास्टिक का उपयोग आज दिन प्रतिदिन हमारे धरती के लिए एक खतरे की घंटी बनता जा रहा है। फिर हम कब जागेगें और आगे बढक़र इसके उपयोग बंद करेगें।

प्लास्टिक उपयोंग का आदर्श समाधान यही निकल सकता है सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दें और इसका उपयोग पुरी तरह से बंद कर दें। हम सब मिलकर एक ऐसी तकनीक विकसित करें जिससे प्लास्टिक सप्लाई चेन को पुरी तरह से तोड़ दिया जाए।

सबसे पहले बड़ी कंपनियों को प्लास्टिक का उपयोग बंद कर देना चाहिए। कंपनी चाहे तो अपना प्रोडक्ट को कागज से बनें बैग में पैकिंग कर सकती है। ये इतना मुश्किल भी नहीं है जितना प्लास्टिक को उपयोग के बाद रीसाइक्लिंग करना। हम चाहे प्लास्टिक का उत्पादन कम कर सकते बस जरूरत इस दिशा में कदम बढ़ाने की।

सैयद शबाना अली
हरदा (म. प्र.)