छोड़ चले हम तेरा दर पर,
हर मोड़ पर तुम याद आते रहे,
दिल जख्मी होता रहा,
हर पल हम मुस्कुराते रहे,
बहुत नाजूक थे ये लम्हें दर्दे दिल के लिए,
हम मिटते रहे,
खामोशियों में जख्म दिल के दवाते रहे,
यू जख्मी करती गई हर बार हमको अदाए तुम्हारी,
हम तुम्हें भुलने की कोशिश करते रहे,
तुम हमे उतना ही याद आते रहे,