मैं मर गई हूं, मेरा इम्तिहान अभी वाकी है,
लगता है इस जिस्म में जा अभी वाकी है,

हजारों जख्म सह कर जी रही हूं मैं कैसे,
जख्मी दिल से दर्द की तकरार अभी वाकी है,

खमोश है जिन्दगी मेरी आंसू लफज बन गए है,
लेकिन इन लफजों की जिन्दगी से फरियाद अभी वाकी है,

जिन्दगी में उम्मीदों के चिंराग बुझ गए है,
अरमानों की खाक पर लो अभी वाकी है,
मैं मर गई हूं, मेरा इम्तिहान अभी वाकी है,