Harda News : केवट जयंती के शुभ अवसर पर गुरुवार, 15 मई को कहार समाज के घर-घर में विधिपूर्वक पूजा-पाठ, आरती और भजन-कीर्तन कर जयंती मनाई गई। विशेष आयोजन खेड़ीपुरा स्थित वार्ड क्रमांक 4 में हरणे परिवार द्वारा किया गया। जिसमें प्रेमनारायण हरणे, राजू हरणे, मनीष हरणे, योगेश हरणे, श्याम लाल हरणे सहित समाज के अनेक लोगों ने सहभागिता की। इस अवसर पर रामायण के विशेष पात्र केवट के जीवन और भगवान श्रीराम से उनके पावन संबंध को स्मरण किया गया। राजू हरणे ने बताया कि केवट, जिनका नाम गुहराज निषाद था, ने भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी को गंगा पार करवाया था।
यह प्रसंग श्रीराम के वनवास के प्रारंभ में श्रृंगवेरपुर (प्रयागराज के पास) में घटित हुआ था। श्रीराम ने अपनी वनवास की पहली रात्रि अपने प्रिय मित्र निषादराज के घर विश्राम कर बिताई थी। केवट जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है, इस अवसर पर भगवान श्रीराम के साथ निषादराज की पूजा और भोग-प्रसाद के साथ किया गया। इस आयोजन के माध्यम से समाज के लोगों ने एकता, श्रद्धा और सेवा की भावना को बल दिया और सम्पूर्ण विश्व के कल्याण की कामना की।