पावनसिटी समाचार पत्र हरदा

हरदा सूत्र से मेरी जानकारी के अनुसार नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा पटाखे की दुकानों पर नीलामी से अवैध वसूली  तो कर ली मगर सुविधा के नाम पर दुकानदारों को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कर पा रहे पटाखे के व्यापारी इस समय अपन मिलने को थका हुआ महसूस कर रहे हैं धनतेरस के सुबह से हो रही बारिश में पटाखा बाजार को दलदल में तब्दील कर दिया है अब दुकानदारों को अपने द्वारा नगरपालिका  हरदा को नीलामी में जो दुकान खरीदी है उसका पैसा निकालने की फिक्र लग गई है कभी ऐसे ही मौसम दिया तो उनका माल भी नहीं दिखेगा इस समय भाजपा शासित नगर पालिका परिषदों की जिला में अध्यक्षों के विरुद्ध मोहिम चल रही है  इस समय नगर पालिका मुख्य नगर पालिका अधिकारी पाटीदार को केवल वसूल ही नजर आ रही है सुविधा के नाम पर जो नगर पालिका ने व्यापारियों से पैसा लिया है उनको सुविधा उपलब्ध नहीं  नहीं कर पा रही है समय शहर की जनता को भी और नगर पालिका की उदासीनता पर जनता में भी आक्रोश है पूरे देश में देसी अपनों का संदेश सभी नेताओं के द्वारा दिया जा रहा है मगर उन गरीब लोगों से नगर पालिका के द्वारा दुकानों के एवरेज में हजार हजार दो हजार रुपए वसूले जा रहे हैं उनके गरीब दुकानदार नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है उन्हें डराया धमकाया  जा रहा है

दीपावली पर गरीबों से वसूली और अव्यवस्था को लेकर नगर पालिका पर उठे

दीपावली जैसे बड़े त्यौहार ऑन पर जहां हर कोई खुशियों की तैयारी में जुटा है, वहीं हरदा नगर पालिका परिषद अपनी अव्यवस्थाओं और अनुचित वसूली को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है।

डॉ. जाकिर हुसैन वार्ड क्रमांक 29 के पार्षद अब्दुल अहद खान ने नगर पालिका के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दीपावली के मौके पर छोटे-छोटे फुटकर दुकानदारों और ठेले वालों से नगर पालिका द्वारा अव्यवहारिक रूप से शुल्क वसूला जा रहा है, जिससे गरीब तबके के लोग बेहद परेशान हैं।

पार्षद खान ने अपने ज्ञापन में बताया कि घंटाघर सहित शहर के अन्य बाजारों में मिट्टी के बर्तन, खिलौने, धानी और दीपक बेचने वाले छोटे दुकानदारों से नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा ₹1000 तक की वसूली की जा रही है। जबकि इन दुकानदारों की रोज की कमाई मुश्किल से ₹100-₹200 ही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक दुकानदार ने मात्र ₹100 की बिक्री की, लेकिन उसे नगर पालिका को ₹250 एक दिन का शुल्क देना पड़ा। यह स्थिति गरीबों पर आर्थिक बोझ डालने के समान है।

खान ने कहा कि दीपावली जैसे शुभ अवसर पर गरीब वर्ग मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने के लिए छोटी दुकानें लगाते हैं, परंतु नगर पालिका के इस रवैये ने उनकी खुशियों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने इसे “संवेदनहीन और अमानवीय व्यवहार” बताया।

इसी के साथ उन्होंने पटाखा बाजार में फैली अव्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि पटाखा व्यापारियों ने नगर पालिका को हजारों रुपए शुल्क अदा कर दुकानें लगाई थीं, लेकिन अचानक हुई बारिश के दौरान नगर पालिका की ओर से कोई सुरक्षा या बचाव की सुविधा नहीं दी गई। परिणामस्वरूप व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

पार्षद अब्दुल अहद खान ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी और अध्यक्ष से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि गरीबों से वसूले गए एक-एक हजार रुपए की राशि तुरंत वापस की जाए और पटाखा बाजार में व्यवस्था सुधारी जाए। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि दीपावली जैसे त्यौहार पर नगर पालिका संवेदनशील रवैया अपनाए ताकि गरीबों और छोटे व्यापारियों को राहत मिल सके।

खान ने इस संबंध में कलेक्टर सिद्धार्थ जैन हरदा को भी प्रतिलिपि प्रेषित की है। उन्होंने कहा कि यदि नगर पालिका द्वारा शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो इस मुद्दे को जनता के बीच उठाया जाएगा।
हरदा की जनता में भी इस मामले को लेकर नाराजगी देखी जा रही है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब गरीब रोजाना की मेहनत से दीपावली मनाना चाहते हैं, तब शासन-प्रशासन की नीतियाँ ही उनके रास्ते में रुकावट क्यों बन रही हैं।