पावनसिटी हरदा
हरदा – मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार जिले में 19 दिसंबर से 24 दिसंबर 2025 के मध्य ‘सुशासन सप्ताह – प्रशासन गाँव की ओर’ अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शासन की योजनाओं और सेवाओं की अंतिम छोर तक प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करना, जन शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निराकरण करना, प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता तथा उत्तरदायित्व और संवेदनशीलता को सुदृढ़ करना है। कलेक्टर श्री सिद्धार्थ जैन ने प्रशासन गांव की ओर अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिये जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोडल अधिकारी तथा जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
अभियान के दौरान तहसील, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में जनशिकायतों का मौके पर ही पंजीयन कर यथासंभव निराकरण किया जाएगा। जारी कार्यक्रम अनुसार 22 दिसम्बर को विकासखण्ड हरदा की ग्राम पंचायत नांदरा, मांगरूल, झाड़पा, भाटपरेटिया तथा जामलीदमामी में विशेष शिविर आयोजित होंगे। इसी प्रकार 22 दिसम्बर को खिरकिया विकासखण्ड के ग्राम जयमलपुरा, मुहालकला, मरदानपुर, मांदला, छुरीखाल, जिनवानिया व छिड़गांवमेल तथा टिमरनी विकासखण्ड के ग्राम गोंदागांवखुर्द, डेहरिया, छिरपुरा, चारखेड़ा व कपासी में विशेष शिविर आयोजित किये जायेंगे।

नैनो डीएपी के प्रयोग एवं न्यूट्रिएंट मेनेजमेन्ट विषय पर कार्यशाला सम्पन्न
हरदा  कलेक्टर  सिद्धार्थ जैन की अध्यक्षता में हरदा में शनिवार को नैनो डीएपी के प्रयोग एवं न्यूट्रिएंट मेनेजमेंट विषय पर कर्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कलेक्टर श्री जैन ने नैनो टेनोलॉजी को अंगीकरण करने, मृदा संरचना को खराब होने से बचाने एवं मृदा को ऊसर या अम्लीय होने से बचाते हुए संतुलित मात्रा उर्वरक उपयोग के लिए उपस्थित कृषकों, एवं आदान विक्रेताओं को प्रोत्सहित किया। इस दौरान कलेक्टर ने जैविक खाद के प्रयोग पर भी विशेष जोर दिया ताकि पारिस्तिथिकी संतुलन बना कर उत्पादन स्तर को बनाया जा सके। कार्यशाला में उपस्थित कृषि विज्ञान केंद्र हरदा के मृदा वैज्ञानिक डॉ. रूपचंद जाटव ने मृदा की संरचना में हो रहे परिवर्तन एवं उसके सुधार के विषय मे जानकारी दी।
पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. मुकेश बंकोलिया ने पौधे की आवश्यकता अनुसार उर्वरक एवं नैनो डीएपी के प्रयोग के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पोषक तत्व आयनों के रूप मे पौधों को प्राप्त होते है। कार्यशाला में उपस्थित किसानों ने नैनो डीएपी के अपने-अपने अनुभव को मंच के माध्यम से साझा किया। टेमागांव के किसान श्री गणेश पटेल ने 50 एकड़ के रकबे पर भविष्य मे नैनो डीएपी के प्रयोग करने का वायदा किया। आलामपुर के किसान श्री सोनी एवं श्री गरीबदास मुकाती गुरंजघाट ने अपने खेत में डेमो के माध्यम से नैनो डीएपी के प्रयोग से हुए लाभ को साझा किया। कोरोमंडल कंपनी के द्वारा किसान श्री दायित्व भादुगांव को हाथ घडी एवं वन ग्राम कुमरुम के किसान श्री बालक राम को एक ग्राम गोल्ड क्वाइन कंपनी की पॉलिसी के माध्यम से प्रदाय किये एवं उपस्थित सभी किसानों को एक लीटर नैनो डीएपी दिया गया।
कार्यशाला में उप संचालक कृषि श्री जे.एल. कास्दे ने संबोधित करते हुए मृदा में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ाने पर विशेष जोर दिया ताकि उर्वरा क्षमता को बढ़ाया जा सके। इस दौरान कोरोमंडल कंपनी के रिजनल बिजनिस् हेड श्री विवेक शर्मा, डिविजन फसल वैज्ञानिक श्री अमित मिश्रा, ज़ोनाल मैनेजर श्री नीरज उपध्याय एवं स्टाफ् उपस्थित रहे। कोरोमंडल कंपनी के प्रतिनिधि ने कंपनी के उद्धेश्य और कार्य प्रणाली के विषय मे विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में कृषि विभाग के कर्मचारी सहित कृषि आदान विक्रेता एवं किसान उपस्थित रहे।

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