तेरी जिन्दगी के राज आज हमें मालूम नहीं,
कब बदलेगा तेरा अन्दाज आज हमें मालूम नहीं,
तेरी हर अदा पे हम गौर करते है,
लेकिन क्या है तेरे दिल में आज हमें मालूम नहीं,
पल भर में अपनी सी लगती हो,
पल भर में अनजानी सी हो जाती हो,
क्या कहती है आपकी नजरे जनाब आज हमें मालूम नहीं,
कब बदलेगा तेरा अन्दाज आज हमें मालूम नहीं,
तेरे ही सहारे तुफानों में छोड़ दी है कस्ती हमने,
कब लगाओंगी इसे तुफानों से पार आज हमें मालूम नहीं,
जलते हैं चिरांगों की तरह हम रात दिन,
फिर भी कब मिलेगी हमें अन्धेरों से निजात आज हमें मालूम नहीं,
तेरी जिन्दगी के राज आज हमें मालूम नहीं,