ये जिन्दगी तू ले चल मुझे मौत के पास,
वो तेरी है महेबूबा तो मेरी भी है आस,
तुझे दीदार हो जाएगा तेरे महेबूब का तो,
मेरे भी हो जाएगें पुरे दिल के अरमान,
ये जिन्दगी न मुझको तेरी चाहत है,
न तेरी जरूरत है फिर क्यों निभाऊ मैं तेरा साथ,
तू ही मुझसे तोड़ ले रिस्ता,
कर दे मुझको अपनी कैद से आजाद,
चल-चल धीरे न चल
तू भी है बेकरार तो मैं भी हू बेकरार,
बहुत किया है तुने इन्तजार,
बहुत तडपा हूं मैं भी निभा कर तेरा साथ,
अब और न मुझसे तेरा साथ निभाया जाता है,
इस दिल में बस एक ही ख्याल आता है,
ये जिन्दगी तू ले चल मुझे मौत के पास,