रोशन दुनिया की रोशनी को ढूंढता हूं
इस दर्द ए दिल की जो दवा दे ऐसी खुशियों को ढूंढता हूं,

ऐ गमे जिन्दगी तू मुझे इतना न सता,
गम में भी मैं जिन्दगी को ढूंढता हूं,

यादों के झरोखे में जब होता हूं मैं तन्हा,
तो पास अपने तेरी ही तस्वीर को ढूंढता हूं,

दिल के चमन में जब फूल खिले इस मन में,
दिल की धडक़नों मैं तेरी ही खुश्बू को ढूंढता हूं

जिन्दगी में कोई खुशियां नहीं है मेरे पास,
बस जख्मों से ही है जिन्दगी तकरार,

जब हो जाता हूं मायूस कभी,
पास अपने तेरे ही साये को ढूंढता हूं

दर्द जब जिन्दगी में हमसफर बनकर आता है,
हम चलते जाते है रास्ता खतम हो जाता है,
तो पल-पल नजरों मैं अपनी ही खोई हुई मंझील को ढूंढता हूं