रू-ब-रू हमेशा तेरा साया था,
पास हमारे न इसके सिवा कुछ वकाया था,

यादे बस साथ थी तेरी,
तेरे सिवा न कोई हमारा हम साया था,

नजरों में तुम इस तह से रहती थी,
हर वक्त हमें आपका ही ख्याल आया था,

रू-ब-रू हमेशा तेरा साया था,
दिल में धडक़नों की तरह वसी हो तुम,

क्या कहे क्या हमने तुम्हें चहा के पाया था,
फूलों की खुश्बू में हमे तेरी तलाश थी,

फूलों में तो तेरा ही अक्स नुमाया था,
रू-ब-रू हमेशा तेरा साया था,

हमारी हसरतों का लम्बा फसाना था,
ख्वाबों में तो हरपल तेरा ही आना जाना था,
कैसे कहें हमने तुझे कहा-कहा नहीं पाया था,