जो खोया था उसका एहसास ही साथ रहा,
जिन्दगी में ये गम साथ ही रहा,

हम भुला नहीं पाए उन यादों को,
जिनके दाग मिट गए, जख्म साथ ही रहा,

हुआ है अब ये एहसास,
छिन लिए गए है हमसे हमारे ही जज्बात,

हम खमोश ही रहे लफजों से बगाबत का एहसास साथ रहा,
इस तरह कैसे जी रहे है हम,

तड़प रहे है आंसू पी रहे है हम,
रोज मौत से हम कहते है,

संग तेरे ही रहते है,
यू चल रही है सासे हमारी,
मरने के बाद भी जिन्दा है हम ये एहसास साथ रहा,