दिल की दुनिया हम बसाते अगर तुम हमें मिल जाते,
शामें उल्फात में वफा के दिप हम जलाते,
अगर तुम हमें मिल जाते,

अक्सर तेरे इन्तजार में तन्हाईओं में न हम आंसू बहाते
अगर तुम हमें मिल जाते,

बैकरारी में जीते हे शमों शहर हम,
इस तरह न हम अपने आपको तड़पाते,
अगर तुम हमें मिल जाते,

सजाते है रात दिन ख्वाबों को हम,
उन ख्वाबों को मुकमल कर के दिखाते,
अगर तुम हमें मिल जाते,

सोचते है रात दिन हम तुमसे मिलेगें तो ये कहेगें,
तुमसे मिलेगें तो वो कहेगें,
बस हम तो तुम्हें देख-देख मुस्कुराते,
अगर तुम हमें मिल जाते,

मैं जानता हूं तुमको भुला नहीं पाऊंगा मैं,
ये सच हम न दुनिया से छुपाते,
अगर तुम हमें मिल जाते,