मैं तेरे ख्यालों में कहीं खो न जाऊं,
जिन्दगी में यूं गुम हो न जाऊं,
मुझे सभालने वाला कोई नहीं हैं,
सहिल से दूर कहीं हो न जाऊं,
तु कहां है तुझे ढुढ़ती हैं निगाहे मेरी,
तेरे बीन दुनियां की इस भीड़ में तन्हा हो न जाऊं,
आ रूकी थी ये किस मोड़ पर जिन्दगी मेरी,
कहीं मंजिल से दूर हो न जाऊं,