ठंडी-ठंडी हवाओं ने ये एहसास कराया,
ये कौन आया, ये कौन आया,
बादलों ने सूरज को अपने अगोस में यू छुपाया,
फिर दिल को ये ख्याल आया,
ये कौन आया, ये कौन आया,
सफेद हिजाब में छुप गई है बहारे,
ये कौन आया, ये कौन आया,
ये कौन है जिसके आने से फूलों पर है शबनम का साया,
कायनात की इस खुबसूरती ने एहसास कराया,
ये कौन आया, ये कौन आया,
मुस्कुराती है बहारे सहेमी-सहेमी है फूलों की अदाएं
फिर दिल ने ये एहसास कराया,
ये कौन आया, ये कौन आया,
सैयद शबाना अली
हरदा मध्यप्रदेश