काटो को मुस्कुराने का हक नहीं होता,
चिलमन में छुपा लेते है वो चहेरा अपना,
क्योंकि आईने को चहेरा छुपाने का हक नहीं होता,
बादलों में निकलता है चाँद इस तरह,
क्योंकि अंधेरे को रोशनी को छुपाने का हक नहीं होता,
फूल हवाओं में महकाते है खुश्बू अपनी,
क्योंकि फूलों को खुश्बू को छुपाने का हक नहीं होता,
तकदीर के लिखे पर चलते है सभी,
क्योंकि तकदीर को हाले दिल सुनाने का हक नहीं होता,
यू चल जाते है शम्मा पर परवाने ऐसे,
क्योंकि परवानों को शम्मा को बुझाने का हक नहीं होता,