पावनसिटी खंडवा – वर्षा के पानी कोे भूजल संवर्धन के लिए उपयोग में लाने के उद्देश्य से जिले की सभी पक्की छतों पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने का प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता के निर्देशन में भूजल संवर्धन के लिए “अमृत संचय अभियान” प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से मंगलवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में जिले के सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स की कार्यशाला सह प्रशिक्षण आयोजित किया गया। कार्यशाला में कलेक्टर  ऋषव गुप्ता ने सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स से अपील की कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण और पानी का महत्व बतायें और जिला प्रशासन द्वारा मिशन अमृत संचय के तहत किये जा रहे कार्यों के प्रचार प्रसार में भागीदार बनें। कार्यक्रम में जिला पंचायत के सीईओ डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा, सहायक कलेक्टर कृष्णा सुशीर, जिला पंचायत की अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमति निकिता मंडलोई, सहित अन्य अधिकारी व सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स भी मौजूद थे।
जिले की हर पक्की छत पर लगाये जाएं रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
कलेक्टर  गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि हमें पानी का मोल पहचानना होगा। पानी बचाना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी को मिलकर पानी बचाना होगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स सदस्यों को शामिल करते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, इसके माध्यम से जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियों को उसमें शेयर किया जाएगा, ताकि सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स अपने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पानी बचाने के इस अभियान की गतिविधियां शेयर कर सकें। कलेक्टर  गुप्ता ने बताया कि अमृत संचय अभियान के तहत हमें जिले के सभी शासकीय व प्राइवेट भवनों की पक्की छतों पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना है, ताकि वर्षा के पानी की एक-एक बूंद जमीन में समाकर भूजल स्तर को बढ़ाए। उन्होंने कहा कि 30 जून, 2026 तक प्रत्येक पक्की छत पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए “मिशन अमृत संचय” प्रारंभ किया गया है।
पानी बचाना हमारी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है
कलेक्टर  गुप्ता ने कहा कि विकास की दौड़ में हम पर्यावरण संरक्षण को भूल जाते हैं। महानगरों में सीमेंट कांक्रीट के अधिक उपयोग से वर्षा का पानी बिना रूके तेज गति से बह जाता है और भूजल संवर्धन नहीं हो पाता है। उन्होंने कहा कि नागरिकगण अपने घरों की छतों पर 5-10 हजार रूपये खर्च कर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाकर लाखों रूपये मूल्य का पानी बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम जितना पानी खर्च करते हैं, उतना पानी बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। कलेक्टर  गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि जिले की हर पक्की छत से वर्षा का पानी भूजल संवर्धन के उपयोग में आए, यह अगले एक वर्ष में हमें सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि पानी बचाना हमारी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है।
“मिशन अमृत संचय” के संबंध में सोशल मीडिया पर रील बनाने की स्पर्धा होगी
कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौड़ा ने सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स से अपील की कि अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से पानी के महत्व के बारे में नागरिकों को जागरूक करें। उन्होंने पावर पॉइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से मिशन अमृत संचय के तहत किये जाने वाले जल संरक्षण के कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रजेन्टेशन के माध्यम से बोरी बंधान, खेत तालाब, गली प्लग, मेढ़ बंधान जैसी जल ग्रहण संरचनाओं की उपयोगिता और उन्हें बनाने के तरीकों के बारे में भी बताया। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि “अमृत संचय अभियान” के संबंध में सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स के बीच रील बनाने की स्पर्धा भी आयोजित की जाएगी तथा रील बनाने के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को पुरस्कृत भी किया जाएगा।