Bhopal News : आज रक्षा बंधन का त्यौहार पुरे देश में धुमधाम से मनाया जा रहा है। राखी को लेकर हर बहन भाई के चहरे की खुशी साफ देखने को मिल रही हैं। बहनों भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर खुश है तो भाई भी बहनों को उनकी रक्षा का वचन के साथ उपहार देकर अपनी खुशी का इजहार कर रहें है। रक्षा बंधन एक ऐसा त्यौहार है जो भाई बहन के पवित्र रिस्ते को दर्शाता है।
राखी का त्योहार हिन्दू धर्म में बेहद पवित्र त्योहार माना गया है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और अधिक मजबूती देता है। रक्षा बंधन के दिन बहन-भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन को उपहार और सदैव उसकी रक्षा करने का वचन देता है। रक्षा बंधन का यह पवित्र त्योहार भारत वर्ष सहित अन्य देशों में जहां-जहां हिन्दू धर्म के लोग रहते है, वहां मनाया जाता है।
आज रक्षा बंधन है। ये सुनकर ही बहुत सी बहनों के चेहरों में खुशी झलक जाती है। और हो भी क्यूँ न ये भाई बहन का रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है किसे की शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। ये रिश्ता इतना ज्यादा पवित्र होता है की इसका सम्मान पूरी दुनिभर में किया जाता है। ऐसे में शायद ही कोई होगा जिसे की ये न पता हो की रक्षा बंधन का अर्थ क्या है और इसे कैसे मनाया जाता है?
भारत जिसे की संस्कृतियों की भूमि भी माना जाता है। वहीं तो इस रिश्ते को एक अलग ही पहचान दिया गया है। इसकी इतनी ज्यादा महत्व है की इसे एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। जो की अक्सर अगस्त के महीने में आता है। रक्षा बंधन का पर्व दो शब्दों के मिलने से बना हुआ है, रक्षा और बंधन।
संस्कृत भाषा के अनुसार, इस पर्व का मतलब होता है की एक ऐसा बंधन जो की रक्षा प्रदान करता हो। यहाँ पर रक्षा का मतलब रक्षा प्रदान करना होता है और बंधन का मतलब होता है एक गांठ, एक डोर जो की रक्षा प्रदान करे।
ये दोनों ही शब्द मिलकर एक भाई-बहन का प्रतिक होते हैं।
यहाँ ये प्रतिक केवल खून के रिश्ते को ही नहीं समझाता बल्कि ये एक पवित्र रिश्ते को जताता है। यह त्यौहार खुशी प्रदान करने वाला होता है वहीँ ये भाइयों को ये याद दिलाता है की उन्हें अपने बहनों की हमेशा रक्षा करनी है।
रक्षा बंधन भाई-बहन का प्रतीक माना जाता है। रक्षा बंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को जताता है और घर में खुशिया लेकर आता है। इसके अलावा यह त्योहार भाईयों को याद दिलाता है कि उन्हें अपनी बहनों की रक्षा करनी चाहिए।