भगवान शंकर का प्रिय मास सावन की शुरुआत होने वाली है। इस बार सावन का महीना बड़ा ही खास रहने वाला है, क्योंकि सावन की शुरुआत सोमवार के दिन तथा सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रही हैं। इस बार पूरे 29 दिनों तक शिव भक्त महादेव की आराधना कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने का अवसर प्राप्त कर सकेंगे। इस बार का सावन में नक्षत्र कई अद्भुत संयोग बन रहें है, जिससे इस बार का सावन को बेहद शुभ होने वाला है। यह संयोग लगभग 72 वर्ष बन रहा है। इस संयोग में अगर विधि विधान से शिव भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं। तो उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होगी। बन रहे खास संयोग
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार सावन महीने में चार शुभ संयोग बन रहे हैं। सावन की शुरुआत 22 जुलाई से होने वाली है। खास बात तो यह है कि इस बार सावन महीने की शुरुआत भी सोमवार के दिन से ही हो रही है। इस बार सावन महीने में पांच सोमवारी है, अर्थात पूरे 29 दिनों तक भगवान शिव के भक्ति उनकी आराधना व पूजन कर सकेंगे। 22 जुलाई प्रात: सुबह 5.40 मिनिट से सिद्धि योग में सावन की शुरुआत हो रही है। इसका समापन 19 अगस्त सोमवार के दिन होगा। इसके साथ ही सोमवार में प्रीति योग और आयुष्मान योग का सहयोग भी बन रहा।
इस सावन में भगवान शिव के भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान पूर्व के उनकी भक्ति करें, भगवान शिव की पूजन करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे। इसके बाद किसी पवित्र नदी या पवित्र नदी का जल मिलाकर का स्नान करें। इसके बाद सुंदर और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। संभव हो तो इस दिन भगवान शिव का व्रत रखें।
इसके बाद हाथ में एक कलश में पवित्र जल भरकर इसमें फूल और अक्षत लेकर, व्रत रखने का संकल्प करें। फिर गंगाजल और दूध, दही, शहद, घी, इत्र से भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें। इसके बाद भगवान शिव को धूप, बेलपत्र, भांग, अक्षत, धतूरा, दीप, फल, फूल, मिठाई आदि के साथ चंदन अर्पित करें। इसके बाद घर के मंदिर में गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद सोमवार व्रत की कथा सुन शिव परिवार और सभी देवी देवताओं की विधिपूर्वक पूजन करें। भगवान शिव की आरती करें। इसके बाद भगवान शिव का मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करें। अंत में हाथ जोडक़र भगवान शिव के सामने क्षमा प्रार्थना करें। इस तरह से भगवान शिव की पूजन करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।