Adopt the right method of rose cultivation, your income will double...Gulab ki khaiti karne ka tarika

आज कल हर अवसर पर फूलों का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता हैं। हर कोई फूलों को पंसद करता हैं। इसकी खुश्वू और रंगत ऐसी होती हैं कोई भी इसकी और अकृषित होने से अपने आपको नहीं रोक पाता हैं। इसलिए बाजार में भी फूलों की मांग बढ़ती जा रही हैं। बाजार में तरह-तरह के फूल मिलते हैं। इनमें से गुलाब के फूल को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता हैं। खासतौर पर शादियों के समय में तो इनकी मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं। गुलाब ऐसा फूल हैं जिसे हर इंसान पंसद करता हैं। इसलिए इसको अपनी हर खुशियों में भी अपना साथी बनाता हैं। जिसकी वजह से अब बाजार में फूलों की मांग बढऩे लगी है। और कई किसान इसकी खेती कर के लाभ कमा रहें हैं। गुलाब प्रकृति का दिया हुआ अनमोल तोफा है हमारे लिए ये एक ऐसा फूल हैं जिसका मौह कभी कम नहीं होता हैं। इसकी आकर्षक, बनावट, सुंदर आकार और लुभावनी रंगत की वजह से लोग इसे अधिक पंसद करते है।
अगर किसान गुलाब की खेती वैज्ञानिक विधि से करना शुरू करें इसकी खेती को लाभ का धंधा बनने से कोई नहीं रोक सकता है। और किसान साल भर गुलाब के पौधों से फूल हासिल कर सकते हैं। सर्दी के मौसम में गुलाब की रंगत और बढ़ जाती हैं।
भारत में इसकी खेती को सर्दियों के मौसम में भी किया जा सकता है, क्योकि गर्मियों के समय यहाँ का तापमान काफी अधिक हो जाता है और तेज गर्म हवाए भी चलती है। जो कि गुलाब के फूल के लिए काफी हानिकारक होती है। इसलिए यहाँ इसकी खेती को सर्दियों के मौसम में किया जाता है। यदि तापमान का ठीक से ध्यान रखा जाये तो इसे शुष्क इलाको में भी उगाया जा सकता है।
तापमान और जलवायु
अगर आप गुलाब की खेती करने के बारे में सोच रहें हैं तो ठंड़ी और शुष्क जलवायु इसके लिए उपयुक्त होती है। इसलिए सर्दियों के दिनों में उत्तर और दक्षिण भारत के मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में गुलाब की खेती की जाती हैं। तापमान करीब 25 से 30 डिग्री सेटीग्रेड और रात का तापमान 12 से 14 डिग्री सेटीग्रेट उत्तम रहता है। गुलाब की खेती के लिए हवा और पानी के आवागमन वाली मिट्टी की अवश्यकता होती हैं। गुलाब की खेती में जलवायु का काफी महत्व होता है।

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Gulab ki khaiti karne ka tarika

भूमि का चयन
इसकी खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन बलुआर , दोमट और दोमट या फिर मटियार दोमट मिट्टी अधिक उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच मान करीब 5.3से 6.5 तक उपयुक्त माना जाता है। साथ ही पौधों के विकास हेतु छायादार या जल जमाव वाली भूमि नहीं होनी चाहिए। छायादार जगह में पौधों का विकास नहीं हो पाता है।
पौधे लगाने का समय और सही तरीका
गुलाब के पौधे का रोपण करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले पौधे को भूमि से लगभग 15 सेटीमीटर ऊपर लगाना चाहिए। पौधे की रोपाई करते वक्त पॉलीथिन को काटकर हटा दें। ध्यान रखें कि पॉलीथिन में भरी मिट्टी नहीं टुटनी चाहिए। इसके बाद खेत की मिट्टी को चारों तरफ से अच्छी तरह से दवा दें। लेकिन दूसरी कलम लगने वाली जगह को जमीन से थोड़ा बहार ही रखे और पौधे की रोपाई के तुरंत बाद ही इसमें पानी डाले।
गुलाब के पौधे की निराई- गुड़ाई कैसे करें
गुलाब के पौधे की निराई-गुड़ाई नवंबर के बाद से शुरू कर देनी चाहिए। इस दौरान कलम में से शाखाएं सबसे ज्यादा बनती हैं। जो पौधे को बडऩे में मदद करती हैं। पौधे की सिंचाई बार-बार नहीं करनी चाहिए। इससे जमीन भी कठोर होने लगती है और जड़ों तक हवा भी नहीं पहुंच पाती है। लेकिन निराई करने से पौधे को हवा उचित मात्रा में मिल पाती हैं। इससे पौधे का विकास अच्छी तरह से हो पाता है। पौधे की नवंबर महिने के बाद जनवरी तक 3 से 4 बार निराई कर लेना चाहिए।
गुलाब के पौधे को तैयार करने का असान तारिका
गुलाब की खेती करने की विधि को टी बडिग़ कहा जाता है। इस विधि में जंगली गुलाब की कलम जून या जुलाई महीने में लगा दी जाती है। इन कलम की क्यारी में 15 सेटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है। इसके बाद शाखाएं निकलती है। जिन्हें हटा दिया जाता है। इनमें अच्छी किस्म के गुलाब की टहनी लगा दें। और पॉलाथिन में उन्हें ऊपर तक कसकर बांध दें। इसमें उर्वरक मिली मिट्टी भरी रहती है। कुछ समय बाद इनमें टहनी निकल आती है। अगस्त महीने तक पौधे रूपाई को तैयार हो जाते है।
सिंचाई करने का तरीका
गुलाब की खेेती करते वक्त यहां ध्यान रखें जब गुलाब के पौधे खेतो ं में लगाएं तब उसकी सिंचाई भी कर दें। इसके बाद नई कलम को लगातार नमी देने के लिए उसकी सिचंाई सही समय पर करते रहें। लेकिन एक बात विशेष ध्यान रहें कि खेत में पानी का भराव ना हो। अगर सर्दियों का वक्त है तो सप्ताह में एक बार ही पानी दें। गर्मी में इसके विपरित करीब 4 से 5 दिन के अंतर में पौधे में पानी देते रहें। इसके अलावा अगर आप गमलों में गुलाब के फूल उगा रहें है तो हर साल इनके ऊपर की मिट्टी को करीब 2 से 3 इंच तक निकाल दें। इसकी जगह सड़ी हुई गोबर की खाद मिली मिट्टी भर दें। गमलों में लगे गुलाब की मिट्टी बदलने का सही समय नवंबर का होता है। इससे गमले में लगे गुलाब की रंगत बदल जाती है। और मिट्टी बदलने के बाद वर्षो पुराना गुलाब का पौधा भी नए पौधे की तरह हो जाएगा। और इसमें नए पीके फूट आएगें और गुलाब के फूल भी बहुत खिलेगें।
गुलाब के फूलों की तड़ाई और छंटाई करना
गुलाब की खेती में फूलों की तोड़ते वक्त ध्यान दें कि जब फूल की एक या दो पंखुडिय़ां खिल जाएं तो फूल को तोड़ लें। इसके लिए तेज धार वाले चाकू या ब्लेड का इस्तेमाल करें। फूल को काटने के तुरंत बाद पानी से भरें बर्तन में रख दें। इसका तापमान करीब 2 से 10 डिग्री तक होना चाहिए। इसके बाद फूलों की ग्रेडिग़ की जाती हैं। इसी को छंटाई कहा जाता है।
गुलाब के फूलों की पैदावार
गुलाब की खेती करके किसानों को काफी मुनाफा होता हैं। गुलाब की खेती किसानों के लिए लाभ का धंधा हैं। गुलाब की खेती करीब चार महीने में फूल देने लगती हैं। एक एकड़ जमीन की बात करें तो लगभग 30 से 40 किलों या इसमें ज्यादा भी फूल खिल जाते हैं। इनका बाजार भाव लगभग 50 से 70 रूपए प्रति किलों के हिसाब से होता हैं। एक पौधे से साल में लगभग 20 किलों तक फूल खिल जाते है। इस तरह साल में एक एकड़ से लगभग 2000 से 3000 क्विंटल फूल प्राप्त हो सकते हैं। जिनकी सालाना कमाई लगभग 15 से 20 लाख तक हो सकती है।