पावनसिटी समाचार पत्र हरदा
प्री-लिटिगेशन स्तर पर कुल 472 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 38,86,966 रूपये की वसूली की गई तथा 657 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदा अरविंद रघुवंशी के कुशल मार्गदर्शन में जिला न्यायालय हरदा एवं व्यवहार न्यायालय खिरकिया तथा व्यवहार न्यायालय टिमरनी में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया । लोक अदालत में जिले में कुल 11 खण्डपीठ बनाई थी, जिसमें से 10 खण्डपीठ न्यायालयों की, 01 खण्डपीठ उपभोक्ता फोरम की बनाई गई थी।
गठित खण्डपीठों द्वारा सुलह समझौते के आधार पर कुल 467 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 5,19,93,909 (पांच करोड़ उन्नीस लाख तिरानवे हजार नौ सौ नौ रूपये) के अवार्ड पारित किए गए तथा कुल 411 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया। इसी तरह प्री-लिटिगेशन स्तर पर कुल 472 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 38,86,966 (अडतीस लाख छियासी हजार नौ सौ छियासठ मात्र) रूपये की वसूली की गई तथा 657 लोगों को सीधा लाभांवित किया गया। लोक अदालत में पक्षकारगणों को गठित खण्डपीठों द्वारा दी गई समझाईश के उपरांत पक्षकारगण अपने-अपने प्रकरणों को समाप्त करने के लिए राजी हुए। पक्षकारगणों को उनके राजीनामें करने पर प्रकरण समाप्त होने पर स्मृति स्वरूप फलदार वृक्ष भेंट किए गए तथा उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ विदा किया गया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदा अरविंद रघुवंशी के कुशल मार्गदर्शन में जिला न्यायालय हरदा एवं व्यवहार न्यायालय खिरकिया तथा व्यवहार न्यायालय टिमरनी में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया । लोक अदालत में जिले में कुल 11 खण्डपीठ बनाई थी, जिसमें से 10 खण्डपीठ न्यायालयों की, 01 खण्डपीठ उपभोक्ता फोरम की बनाई गई थी।
नेशनल लोक अदालत में खण्डपीठ क्रमांक 02 के पीठासीन अधिकारी जयदीप सिंह के न्यायालय में लंबित प्रकरण क्रमांक आरसीएस ए/28/2025 का अंतिम निराकरण उभयपक्ष के मध्य राजीनामा के आधार पर हुआ।
प्रकरण में बहू रीना बाई द्वारा अपने ससुर कमलेश सिंह के विरुद्ध उसके पति की मृत्यु हो जाने के कारण भरण-पोषण का दावा मृतक पति के पैतृक संपत्ति में हिस्से तक का प्रस्तुत किया था जो लंबित था। उभयपक्ष को लोक अदालत में समझाए जाने पर ससुर द्वारा अपने अवयस्क नाती को पैतृक संपत्ति कृषि भूमि में से 2.00 एकड़ का हिस्सा बहू एवं नाती के भरण-पोषण के निमित्त राजीनामे के माध्यम से दे दिया और उभयपक्ष ने हंसी-खुशी से स्वेच्छा से राजीनामा स्वीकार किया और अपने प्रकरण को राजीनामे के आधार पर निराकृत करवा लिया। इस तरह ससुर द्वारा कराए गए बंटवारे से बहू एवं नाती के समक्ष जो भरण-पोषण की समस्या पति एवं पिता के मृत हो जाने के कारण उत्पन्न हो गई थी वह समस्या स्थाई
वर्षों से चली आ रही कलह को भाईयों ने किया खत्म, राजीनामा से समाप्त किया विवाद
हरदा – प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदा अरविंद रघुवंशी के कुशल मार्गदर्शन में जिला न्यायालय हरदा एवं व्यवहार न्यायालय खिरकिया तथा व्यवहार न्यायालय टिमरनी में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया । लोक अदालत में जिले में कुल 11 खण्डपीठ बनाई थी, जिसमें से 10 खण्डपीठ न्यायालयों की, 01 खण्डपीठ उपभोक्ता फोरम की बनाई गई थी।
लोक अदालत में खण्डपीठ क्रमांक 06 के पीठासीन अधिकारी श्री संजीव राहंगडाले के न्यायालय में 07 वर्ष पुराने दीवानी मामले का निराकरण किया गया। प्रकरण गढ़ीपुरा हरदा स्थित एक भूखण्ड के विवाद के संबंध में था। वादीगण और प्रतिवादीगण दादा के समय से भूखण्ड का विवाद चला आ रहा था। प्रकरण में वादीगण आपस में 5 सगे भाई थे, जिनमें से दो भाई वादी क्रमांक 1 व वादी क्रमांक 4 का निधन प्रकरण के लंबित रहने के दौरान हो गया था। वादी क्रमांक 1 की ओर से उनके उत्तराधिकारी 5 पुत्र, 4 पुत्रियां तथा प्रतिवादी क्रमांक 4 की ओर से उनके उत्तराधिकारी पत्नी, पुत्र एवं 03 पुत्रियां केस लड़ रहे थे। न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से पक्षकारों को समझाईश दिए जाने के बाद उभयपक्ष प्रकरण में समझौता करने को तैयार हुए एवं नेशनल लोक अदालत के माध्यम से केस का निराकरण संभव हुआ।

