हमारे देश में कई ऐसी समस्याएं मौजूद है जो हमारे देश के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही है। जब तक इन समस्याओं को जड़ से खत्म नहीं किया जाएगा तब तक सही मायने में हमारे देश का विकास नहीं हो पायेगा। लेकिन इन सारी समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए उन समस्याओं की तरफ ध्यान दिया तो ये बात सामने आई। हमारे देश में व्याप्त सारी समस्याओं की एक ही जड़ है वो है देश में फैला भष्ट्राचार।
भष्ट्राचार दिन प्रति दिन हमारे देश में एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है।
आज इसने हमारे देश की जड़ों को इस तरह से जकड़ लिया है कि हमारा देश विश्व भर में इस समस्या के वजह से पहचाना जाने लगा है। पहले हमारे देश के नागरिको की स्वाभिमान और ईमानदारी सच्चाई की मिशाले पेश की जाती थी। लेकिन आज हमारे देश में भष्ट्राचार लोगों की पहचान बन गया है। जिसने जितना बड़ा भष्ट्रचार बैइमानी की उसकी उतनी बड़ी पहचान है आज हमारे देश में।
ये कहा आ गये है हम एक समृद्ध देश के नागरिक होकर हम भष्ट्राचार के दलदल में दिन प्रति दिन डुबते चले जा रहे है। आज हमारे देश में किसी भी सरकारी महेकमें में चले जाओं आधा घंटे बाद आप खुद समझ जायेगे। भष्ट्राचार ने हमारे देश की जड़ों को किस तरह से खोखला कर दिया है।
भारत देश के नागरिक होने के नाते हमारे देश का हर नागरिक को अपना ये कर्तव्य है उन्हें अपने आपको भष्ट्राचार से मुक्त रखना चाहिए और न तो भष्ट्राचार करना चाहिए न ही इस में लिप्त किसी व्यक्ति या संस्था का साथ देना चाहिए।
लेकिन हमारे देश में ये बहुत मुश्किल सौदा है क्योंकि आज हमारे देश में भष्ट्राचार इस तरह से फैल गया है अगर एक ईमानदार इंसान भी अपना कुछ काम कराना चाहे तो उसे न चाहकर भी घुस देना ही पड़ता है क्योंकि अगर वो घुस नहीं देगा तो एक छोटा सा काम करने में उसके महिनों गिनती निकल जायेगे लेकिन काम नहीं हो पायेगा।
सच्चाई किसी से छुपी हुई नहीं है। हमारे देश का पुरा प्रशासनिक चक्र ही कहीं न कहीं भष्ट्राचार में लिप्त है। हमारे देश में ईमानदारी की तलाश करना तारे गिनने से ज्यादा मुश्किल हो गया है आज। बैईमानी तो ऐसी जहां तहां पाव पसारे मिल जायेगी।
अगर लाखों में से कोई एक ईमानदार इंसान हमारे सामने आ भी गया तो हमारे देश में भष्ट्राचार में लिप्त लोग उसका ऐसा हाल करते है। वो चाह कर भी इस कुच्रक को नहीं तोड़ पाता है। आज हमारे देश में ईमानदार और स्वाभिमानी और सच्चाई पंसद इंसान का जीना बहुत मुश्किल हो गया है। वो विचारा गरीबी मुफलिसी की ही भेंट चड़ जा रहा है।
कहने को तो बहुत बड़े-बड़े दावे किये जाते है। लेकिन इन खोखले दावों के अंदर की सच्चाई तक अगर हम पहुंच जाये तो वाकई हम जिन्दगी जीने की उम्मीद ही छोड़ दें। क्योंकि आज हम जिस देश में सांस लें रहे है उसकी अवो हवा ऐसी हो गई है। जिस इंसान पर हम सबसे ज्यादा भरोसा करते है। उस के हाथों में अपने देश के भविष्य को सुरक्षित महसूस करते है अगर उस इंसान की सच्चाई हमारे सामने आ जाये तो हमारे पैरों तले की जमीन खिसक जाये।
जो इंसान सत्ता के सिंहासन पर बैठकर बड़े-बडे दावे करता है। उसकी अंदर की सच्चाई ये ही है उसका पुरा ध्यान अपने बड़े से महल की तिजौरी भरने पर होता है। यही तो वो सच्चाई जिसकी वजह से हमारे देश की कई सडक़े कागजों पर ही बनकर रह जाती है। उन पत्थरेली सडक़ों पर दिन रात चलने वालों को ही ये अहसास रहता है। उन्होंने कितनी बड़ी गलती की थी इस भष्ट्र इंसान पर भरोसा कर के उसको सत्ता का ताज दिला कर।
आज गरीबों का ये हाल है । ये सरकारी अस्पतालों में उनका इलाज कागजों पर ही हो जाता है। और ये बेमौत अपने घरों में तड़प-तड़प कर मर जाते है। या फिर आयुष्मान कार्ड से पैसे ऐटने के लिए हॉस्पिटलों में बेमतलब में छोटी सी तकलीफ होने पर सर्जरी कर के जिन्दगी भर के लिए इन्हें लचार कर दिया जा रहा है। अब इस गरीब के घर अगर एक यही कमाने वाला था और थोड़ी सी सीने तकलीफ पर सर्जरी कर इसे इस तरह लचार बना दिया जा रहा है कि ये कुछ महेनत करने काबिल नहीं रह पा रहा है। खुद दूसरों मोहताज बन कर रह गया है।
ये तो एक छोटा सा उदाहरण हमारे देश में व्याप्त भष्ट्राचार का। जहां पैसों के आगे जिन्दगी की किमत नहीं वहां किस चीज की किमत होगी सोचने वाली बात है? जिन्दगी तो सबसे बड़ी होती है। फिर और किसी दिशा में सोचना बेमतलब की बाते है।
ये काश हम ऐसे देश के नागरिक होते जहां भष्ट्राचार जैसी बुराई कभी हमारे सामने ही नहीं आती। जब हमारे देश पर भष्ट्राचार मुक्त शासन होता तो हमारा देश पग-पग पर उन्नति की राह पर अग्रसर होता है।
क्योंकि अगर देश भष्ट्राचार नहीं होगा तो हमारे देश को उन्नति की राह पर बडऩे कोई नहीं रोक पायेगा। जो काम सोचा जायेगा वो भविष्य में पुरा भी हो जायेगा। बिना किसी रूकावट हर फिल्ड में काम होगे। भष्ट्राचार मुक्त देश में महेंगाई की भी समस्या कम ही रहेगी। तो गरीब तबके के लोग भुख से बेमौत मरने से बच जायेगे। भष्ट्राचार मुक्त देश में हर प्रशासनिक काम अपने सही समय पर पुरा हो जायेगा।
भष्ट्रचार देश जड़ों में नहीं होगा तो देश को हर क्षेत्र में विकास के चर्म पर होगा। कहीं कोई समस्याएं नहीं होगी । देश के हर नागरिक को समानता का अधिकार मिलेगा। कहीं कोई ऊंच निच भैद भाव नहीं होगा। हम अपने आंखों मे बसे सपनों के भारत को अपनी आंखों से देख पायेगे।