Story Jeevansathi

सालों के लंबे फैर के बाद आखिर इस देश की मिट्टी की खुश्बू मुझे यहां खिंच ही लाई। मैं बता नहीं सकता हूं आज मुझे कितना सुकून मिला हैं। अपनी जन्मभूमि पर कदम रखकर…

मैं मानता हूं यादों से सजी ये सुहानी सुबह मेरे और केशव की जिन्दगी में एक नई खुशियों की बहार लेकर आएगी। आज 15 साल बाद मैं अपने दोस्त केशव से मिलूगां, सच कितना खुशनुमा होगा वो पल। आज अचानक इतने सालों बाद केशव मुझे यहां देखकर कितना खुश होगा।
हां यही तो वो पल होगा जिसको महसूस करने के लिए मैं बिना केशव को बताएं यहां आया हूं। ये केशव की दोस्ती और प्यार है जिसकी मजबूत डोर से बंधकर मैं यहां खिचा चला आया हूं। अपनी दोस्ती की यादों के साये में चलते हुए हम कब केशव के घर पहूंच गए पता ही नहीं चला।

एक-एक पल अब मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था। मैंने अपने दिल को थामते हुए दरवाजे की बेल बजाई। ये मेरे लिए खुशनसीबी की बात थी के दरवाजा केशव ही ने खोला था। वो एक दम मेरे गले से लग गया।

राघव…मेरे यार तुम यहां कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूं। नहीं केशव ये सपना नहीं है। आज तुम्हारा प्यार मुझे दुबारा यहां ले ही आया है।
शोभा…देखो रूपाली भाभी और राघव आए है। राघव भाईया-रूपाली अपने यहां आकर हमें जो खुशी दी है। उसे हम कभी नहीं भुल पाएगें।
राघव अब तुम इंडिया आ गए हो तो 15 साल पहले जो सपने तुम यहां अधुरे छोड़ गए थे। उसे हम मिल कर पुरा करेगें। मैं तुम्हें बता नहीं सकता हूं तुम्हारे यूं अचानक सिंगापुर चले जाने से मैं यहां कितना अकेला हो गया था।

तुम्हारी दोस्ती ही तो थी जो बचपन से मेरे जीने का सहारा थी। वो सहारा तुम्हारे जाने के बाद मुझसे छिन गया था। आज तक मेरी जिन्दगी में कोई भी ऐसा पल नहीं गया जब मैंने तुम्हें याद न किया हो। केशव तुम्हारा यहीं तो वो अपनापन हैं जिसने फिर मुझे तुम्हारे करीब ले आया हैं।

खुशियों के ये पल इसी तरह खुशियों भरी यादों में बदलते जा रहें थे। तभी इस खुशी भरे पल में एक और खुशी थी जो हमारी जिन्दगी में रोनक बनके हमारे सामने आई थी।

नमस्ते अंकल-आंटी। क्यो राघव पहचाने मेघना…। तुम्हारी बेटी मेघना इतनी बड़ी हो गई हैं। हां राघव इस साल एमबीए कर रही हैं। चलो अच्छा है। क्यों बेटा पहचानती हो हम कोन है? हां आप राघव अंकल है मैं आपको कैसे भुल सकती हूं। पापा की हर सुबह आपके नाम से शुरू होती है तो हर शाम आपके नाम पर ही खतम होती हैं। और इस घर के कोने-कोने में आपकी यादों के साये हैं। वो आपको कभी भी हमें भुलने नहीं देते हैं।

अरे राघव मैं तो ये कहता हूं। मेघना ही तो है जिसने मुझे तुम्हारी यादों को इस घर सजाने में मदद की है। रूकों मैं अभी आया। राघव देखों ये एलबम मेघना ने अपने हाथों से मेरे लिए बनाया हैं। और इस में अपनी बचपन से अब तक की सारी फोटों लगाई हैं।

इस बाक्स को देख रहें हो इसमें वे सारी चिट्टीयां है जो अब तक तुमने मुझे लिखी थी। सच में केशव ये तो बहुत अच्छा है। ये सारी तस्वीरों ने मुझे अपने बचपन की उन सारी खुशनुमा यादों को याद दिला दिला है। जो हमने साथ बिताएं थे।

इतने में एलबम में छुटी एक खाली जगह पर मेरी नजर गई। अरे केशव पूरा एलबम तो फोटो से भरा है ये एक फोटों की जगह क्यों खाली है। ये तो मुझे भी नहीं मालूम। क्यों मेघना बेटा ये जगह क्यों खाली है। वो अंकल आदि की…।

अरे हां राघव इसमें हमारी बचपन से अब तक की तस्वीर लगी है। लेकिन तुमने अभी तक आदित्य की कोई फोटो नहीं भेजी थी। इसलिए मैंने ही ये जगह आदित्य की फोटो के लिए खाली रखवाई थी।

अच्छा अब आदित्य भी अच्छा समझदार हो गया होगा। हां केशव उसी की वजह से तो हम यहां आ पाए हैं। आजकल हमारा बिजनीस वो ही संभाल रहा हैं। मुझे तो कुछ नहीं करने देता। बेटे के मामले में हम बहुत खुशनसीब है जो हमें इतना होनहार और काबिल बेटा मिला।

बचपन से सिंगापुर में पले बड़े होने के बाद भी भारतीय संस्कार के मामले में वो धनी हैं। और क्यों न हो आखिर बेटा किसका हैं। हां राघव सही परवरिश ही बच्चों को हीरा बनाती हैं।

अरमानों के गुलिस्ता को सजाते-सजाते दिन कब गुजर रहें थे पता ही नहीं चल रहा था। इसी बीच एक दिन रूपाली ने मुझसे कहा सुनिए मुझे मेघना बहुत पंसद है। आपकी क्या राय है? कभी आपको मेघना पंसद हो तो केशव भाईसाहब से अपने आदित्य के लिए बात करके देखिए न।
रूपाली तुमने तो मेरे दिल की बात कह दी। कितने दिन से तुमसे यहीं कहने वाला था। अब तुम्हारी मेरी मर्जी है तो मैं आज ही केशव से इस विषय में बात करके देखता हूं।

अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने की बात सोच कर ही मैं खुशी से अपने आप को संभाल नहीं पा रहा था। मैंने शाम को ही केशव से इस विषय में बात छेड़ दी। केशव तुमने मेघना की शादी के बारे में क्या सोचा है?

राघव अभी तो मेघना पढ़ रही है। लेकिन मुझे उसके लिए एक अच्छें जीवनसाथी की तलाश है। एक ऐसे जीवनसाथी की जो हर खुशी गम में उसका साथ निभाएं। और मुश्किल के वक्त उसके साथ साये की तरह खड़ा हो। और जीवन की सारी खुशियां से उसके दामन को भर दें।
केशव मेरी निगाह में एक ऐसा लडक़ा हैं। जो मेघना के लिए एक अच्छा जीवनसाथी होगा। वो मेघना को वो सारी खुशियां दे सकता हैं। जिसके सपने तुमने देखे हैं। कभी तुम चहो तो…।

अरे राघव मेघना जैसे मेरी बेटी है वैसे ही वो तुम्हारी भी बेटी है। मैं मानता हूं जितना मेघना के जीवन पर मेरा हक है उतना ही हक तुम्हारा भी हैं। और कभी तुम उसके लिए जीवनसाथी चुनोंगें तो मुझे बहुत खुशी होगी।

अच्छा केशव तो फिर तुम अपना ये अनमोल हीरा मुझे दे दो। जिससे मैं अपने घर की रोनक बड़ा सकूं। सालों से बेटी की खुशियों के लिए तरसे मेरे दिल को भी करार मिले।

राघव मैं समझा नहीं तुम क्या कहना चाहते हो? केशव मुझे और रूपाली को अपने बेटे आदित्य के लिए एक सबगुण सम्पन्न लडक़ी की तलाश थी। हम वो तलाश तुम्हारी बेटी मेघना पर खतम करना चाहते है।

केशव कभी तुम मुझ पर भरोसा करों तो मेरा बेटा आदित्य मेघना के लिए अच्छा जीवनसाथी साबित होगा। राघव तुम ऐसा क्यों कह रहें हो कभी तुम आदित्य के अलावा भी कोई दूसरा लडक़ा मेघना के लिए चुनते तो भी मैं कभी इंकार नहीं करता। और ये तो खुद तुम्हारे बेटे की बात है।

लेकिन राघव तुम आदित्य के लिए मेघना के बारे में कैसे सोच सकते हो। क्या मेरी बेटी तुम्हारे बेटे के काबिल..। नहीं केशव आगे कुछ मत कहना अभी तुमने ही कहा था। मेघना मेरी बेटी है तो तुम ऐसा कैसे सोच सकते हो। जहां तक मेघना की बात है मेघना जैसी सुशील और सबगुण सम्पन लडक़ी हम चिंराग लेके भी ढुढेंगें तो हमे नहीं मिलेगी।

हम मानते है मेघना में वो सारी अच्छाई है जो हमें हमारी बहु में चाहिए। हां भाईसाहब मेघना तो मुझे अपनी बेटी की तरह लगती है। आज मेरी अपनी बेटी होती तो वो भी मुझसे इतना ही प्यार करती जितना मेघना से मुझे यहां आकर मिला है। आप चाहे तो इस प्यार के साये में हमारी सारी जिन्दगी गुजर सकती है।

भाभी राघव और आपकी खुशी ही इस दिल ने हमेशा चाही है। शोभा तुम मेघना की मां हो तुम कहो तुम क्या चाहती हो। मेरी बेटी राघव भाईसाहब और रूपाली की बहु बने इससे बड़ी मेरे लिए क्या खुशी होगी। अच्छा तो राघव हमारे तरफ से इस रिश्ते के लिए हां है। लेकिन हम मेघना की राय और जान लेते है।

क्यों नहीं केशव मैं तो कहता हूं। मैं आदित्य को यहां बुला लेता हूं। दोनों एक दूसरे से मिल लेगेें। एक दूसरे को अच्छे से समझ लेगें। मैं अभी आदित्य को कह देता हूं। वो यहां आ जाएं।

खुशियां आज मेघना के दामन को भरने के लिए बैताब थी। शोभा ने जाकर मेघना से कहा मेघना मेरी बच्ची बचपन से जो तुमने आदित्य का इंतजार किया है। उस इंतजार की घंडिय़ां अब खतम होने वाली है। मेघना कल आदित्य यहां आ रहा है। मेघना मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूं। बिन मागें मेरी बेटी को वो सारी खुशियां मिल रही हैं। जिसके सपने मैंने हमेशा उसकी आँखों में देखे थे।

उस वक्त मेघना कुछ नहीं कहा बस एक मुस्कान के साथ अपनी माँ के सामने अपनी खुशी का इजहार किया। शोभा के चले जाने के बाद मेघना ने अपनी किताब में रखी आदित्य की बचपन की तस्वीर को देखकर कहा आदि तुम इतने साल बाद यहां आ रहे हो। मैं तुम से क्या कहूंगी। तुम मुझसे इतने साल दूर रहे इसकी शिकायत करूंगी या तुम एक बार फिर मुझसे मिल रहे हो उस पर तुम्हें शुक्रिया कहूंगी।

मेघना का ये लम्बा इंतजार कब पल में सिमट गया पता ही नहीं चला और आदित्य उसके घर आ गया।

मॉम-डेड आपने अचानक मुझे यहां किस लिए बुलाया है। आपने जब मुझे यहां आने के लिए कहा तो मैं घबरा ही गया था। न जाने क्या बात हो गई जो आपने इस तरह अचानक मुझे यहां बुलाया। आप ठीक तो है न। हां बेटा हम ठीक है, और तुम ही सोचों तुम्हारे केशव अंकल जैसे जानिसार दोस्त के होते हमें कुछ हो सकता हैं।

ये बात तो आपने सही कही डेड केशव अंकल की तो बात ही अलग हैं। केशव अंकल मैं भी मॉम-डेड के साथ यहां आना चाहता था। लेकिन काम की वजह से नहीं आ पाया। लेकिन आज मैं बहुत खुश हूं। किस्मत ने मुझे आपसे मिला ही दिया।

आदित्य बेटा आज हमने तुम्हें यहां इसलिए बुलाया है। क्योंकि मैंने और तुम्हारे डेड ने केशव भाईसाहब की बेटी मेघना को तुम्हारे लिए चुना है। हम चाहते है तुम्हारी और मेघना की शादी हो जाए। इस लिए हमने तुम्हें यहां बुलाया हैं। ताकि मेघना और तुम एक दूसरे से मिलकर एक दूसरे को समझ लो। उसके बाद ही हम कोई फैसला करेगें।

मेघना से मिलने के बाद तुम्हारा जो फैसला होगा वही हमारा भी फैसला होगा। नहीं मॉम जब आपने और डेड ने मेघना को मेरे लिए चुना है तो आपकी और मेरी पसंद अलग नहीं है। मैं जानता हूं आप जो मेरी जिन्दगी के लिए जो फैसला करेगें वो मेरे लिए बहेतर होगा। और इस फैसले में तो केशव अंकल भी आपके साथ है तो फिर आपका ये फैसला मेरे लिए खुशियों भरा होगा। हां आप मेघना से पूछ लिजिए वो क्या चाहती हैं। कभी मेघना इस रिस्ते से खुश है तो मैं भी इस शादी के लिए रार्जी हूं।

देखों बेटा मैं तुम्हारे जज्वातों को समझता हूं। लेकिन ये तुम्हारी और मेघना की पूरी जिन्दगी का सवाल हैं। इसलिए जो भी फैसला करना सोच समझ कर करना। मैं चाहता हूं तुम एक बार मेघना से मिल लो। नहीं केशव अंकल। नहीं बेटा इससे पहले तुम कोई फैसला करों मैं तुम्हें अपनी बेटी के बारे में कुछ बताना चाहता हूं।

मुझे हमेशा से अपनी बेटी के लिए तुम्हारे जैसे ही जीवनसाथी की तलाश थी। लेकिन मैं तुम्हें अंधेरे में नहीं रखूंगा। मेरी बेटी मेघना वैसे तो सवगुर्ण सम्पन्न है। लेकिन मेरी बेटी के जीवन से जुड़ी एक सच्चाई है जो मैं तुम्हें बताना चाहता हूं।

बचपन में उसके साथ एक हादसा हुआ था। जिसमें उसने अपना एक पैर खो दी थी। जिसके बाद से उसका एक पैर लकड़ी का हैं। वैसे तो मेरी बेटी हर तरह से काबिल है। इस हादसे का उसने अपने जीवन पर कोई असर नहीं होने दिया हैं। वो आगे भी अपने आपको संभाल सकती हैं।
लेकिन हर माँ-बाप का सपना होता है अपनी बेटी को दुल्हन के रूप में देखने का इसी सपने को आंखों में लिए मैंने और शोभा ने ही अपनी बेटी को शादी के लिए मनाया है। इस सच्चाई को जानने के बाद मैं जानता हूं तुमने अपने फैसले को बदल दिया होगा। लेकिन बेटा ये तुम्हारी जिन्दगी है इसलिए तुम ये मत समझना इससे हमें कोई दुख होगा।

नहीं अंकल आप ऐसा क्यों कह रहे है। मैं इन सब बातों को नहीं मानता कि किसी के अपाहिज होने से उसकी जिन्दगी की सारी अच्छाईयां उसकी उस एक कमी में छुप जाती है। बल्कि अपने जिस तरह से कहा कि मेघना ने उस हादसे के बाद भी अपने आपको जिस तरह से संभाला है उसके बाद तो मेरी नजर में उसकी इज्जत और बढ़ गई है। और मेरे मॉम-डेड ने मेघना में जरूर कोई अच्छाई देखी होगी तभी तो उन्होंने उसे मेरे लिए चुना है। अंकल मैं मेघना से शादी करूंगा। ये मेरा आखरी फैसला हैं।

राघव मुझे तुम्हारे बेटे पर गर्व है। सचमुच मेरी बेटी को आदित्य से अच्छा जीवनसाथी नहीं मिल सकता है। लेकिन आदित्य बेटा फिर भी मैं चाहता हूं। तुम मेघना से एक बार मिल लों। हां बेटा मेघना पीछे गार्डन में बेटी तुम्हारा इन्तजार कर रही है।

अंकल के कहने पर मैं मेघना से मिलने जा रहा हूं। लेकिन सच तो ये है कि सालों से मुझे इस पल का इन्तजार था। सालों से मेरे दिल में मैंने मेघना की जो तस्वीर बनाई थी आज उस तस्वीर में हकीकत के रंग भरने का समय आ गया था। मैं बता नहीं सकता हूं मैं आज इस अहसास से ही कितना खुश हूं। मैं आज मेघना से मिल रहा हूं।

अपने इन हंसी ख्यालों में खोए हुए मैं वहां पहुंच गया था जहां मेघना बैठी थी। सच में मेघना को देखने के बाद मुझे अहसास हुआ के उसकी जो तस्वीर आज तक मैंने अपने दिल में बनाकर रखी थी। वो हकीकत के आगे अपना वजूद खो चुकी थी। मेघना उससे भी ज्यादा सुन्दर थी।
खिले फूलों के बीच बैठी वो उन हंसी फूलों से भी सुन्दर लग रही थी। उसने मुझे देखकर कहा आदि..। अरे मेघना तुम तो मुझे पहली बार देख रही हो फिर तुमने मुझे कैसे पहचाना मैं ही आदित्य हूं।

आपके आने से पहले ही इन हवाओं ने आपके आने की खुश्बू मेरे दिल तक पहुंचा दी थी। फिर मेघना मेरी बातों का सिलसिला ही चल पड़ा। इस वक्त मैंने महसूस किया था के सच में मेघना में वो सारी अच्छाईयां हैं जो मुझे अपने जीवनसाथी में चाहिए। उस हादसे का मेरे दिल पर बस इतना असर था के मैं मेघना के कहने पर भी इस विषय में उससे कोई बात नहीं करना चाहता था।

हम देख रहे थे आदित्य और मेघना एक दूसरे के साथ बहुत खुश है। इसलिए हमने आदित्य और मेघना की मंगनी कर दी और कुछ दिन बाद शादी करने का फैसला लिया। मैं और केशव बहुत खुश हैं। अब हमारी दोस्ती रिश्तेदारी के बंधन में बंधने जा रही है।

जिन्दगी की खुशियों भरी वादियों में हसरतों के फूल सजाते हुए दिन कब गुजर गए पता ही नहीं चला। आज आदित्य और मेघना की शादी है। आदित्य और मेघना दुल्हा-दुल्हन के रूप में बहुत सुन्दर लग रहे हैं।

मैं देख रहा था के वरमाला के समय जब मेघना दुल्हन बनी स्टेट की तरफ बढ़ रही थी तो आदित्य उसके पैरों की तरफ ही देख रहा था। फैरों के वक्त भी आदित्य मेघना का बहुत ख्याल रख रहा था। और बार-बार उसके पैर की तरफ ही देख रहा था।

शायद वो यही सोच रहा था कि इतना कुछ होने के बावजूद वो इतने अच्छे से कैसे चल लेती है। इसी कशमाकश में शादी की सारी रस्में पूरी हो गई। और मेघना हमेशा के लिए आदित्य की जीवनसंगनी बन गई।

केशव और शोभा भाभी ने आसूंओं के साथ अपनी लड़ली बेटी को हमारे साथ विदा किया और इस तरह मैं अपनी दोस्ती को प्यार के एक मजबूत बन्धन में बांधकर सिंगापुर वापस आ गया।

आज मेघना और आदित्य की जिन्दगी की नई शुरूआत होने वाली थी। रूपाली ने आदित्य को कुछ देते हुए कहा आदित्य ये मेरी तरफ से मेघना के लिए तोफा हैं। तुम उसे दे देना। लेकिन देने से पहले उसे खोलकर जरूर देख लेना।

दुल्हन बनी मेघना आज बहुत खुबसूरत लग रही थी। आदित्य और मेघना की जिन्दगी की नई शुरूआत थी। मेघना ने आदित्य से कहा आदि आज हमारी जिन्दगी की एक नई शुरूआत होने वाली है। क्या आज भी तुम ये नहीं जानना चाहते हो कि मैं इस लकड़ी के पैर के साथ कैसी दिखती हूं।

नहीं मेघना मेरे लिए तो तुम जैसी हो अच्छी हो। मैं तुम्हें पाकर बहुत खुश हूं। छोड़ों इन बातों को आज तो मेरे पास तुमसे कहने के लिए बहुत कुछ है। लेकिन आदित्य मैं चाहती हूं। तुम आज इस सच की ह$की$कत जानों। नहीं मेघना मैं अपनी मेघना को इस हाल में नहीं देख सकता हूं। तुम नहीं जानती हो बचपन से मैंने तुमसे कितना प्यार किया हैं। मेरे मन में मैंने तुम्हारी जो तस्वीर बना रखी है। उसे यूहीं बना रहने दो। चलों अब छोड़ो इन बातों को।

देखों मॉम ने मुझे तुम्हें देने के लिए कुछ दिया है। क्या है ये? हां मैं खोलकर देखता हूं। आदित्य ने बहुत अश्चर्य से कहा पायल। मॉम ने तुम्हारे लिए पायल दी है। बताओं आदि.. कितनी सुन्दर हैं ये पायल माँ को मालूम है मुझे पायल पहन्ना बहुत पसंद है।

मेघना तो पायल को देखकर बहुत खुश थी लेकिन मैं उस पायल को देखकर उदास हो गया था। मेघना ने ही कहा आदि उदास क्यों होते हो शायद माँ भी चाहती है के तुम इस सच्चाई को जानों। चलों आदि अब तुम अपने हाथों से मेरे पैरों में ये पायल पहनादों।

मेघना ने ऐसा कहते हुए अपना पैर मेरे सामने बढ़ाया। मैंने बहुत भारी मन के साथ मेघना के पैर में पहली पायल पहनाई। मैं सोच रहा था मेघना का ये पैर कितना खुबसूरत है काश वो…।

अरे आदि..। कहा खो गए हो दूसरी पायल तो पहनाओं मेघना तुम अपना दूसरा पैर तो आगे करों। आदि ये मेरा दूसरा ही पैर है। मैं बहुत अश्चर्य से मेघना की तरफ देखता ही रह गया। मेघना ये क्या तुम्हारा ये पैर तो पहले पैर की तरह ही सुन्दर हैं।

हां आदि यही सच है। असल में अंकल-आंटी के कहने पर पापा ने तुमसे झुठ कहा था। मेरा कोई पैर लकड़ी का नहीं हैं। और न ही मेरे साथ बचपन में कोई हादसा हुआ हैं। ये सब अंकल-आंटी की वजह से हुआ है।

वो तुम्हारा इन्तहान लेना चाहते थे। सच मेघना तुम सही कह रही हो। मैं बता नहीं सकता हूं। आज में कितना खुश हूं। लेकिन मेरे ये समझ में नहीं आ रहा मॉम-डेड ने मुझसे झुठ क्यो कहा? हमेशा मुझे सच कहने की प्रेरणा देने वाले मेरे मॉम-डेड ने मुझसे झुठ क्यों कहा? मैं जब तक ये नहीं जान लेता मेरे दिल में बैचेनी बनी रहेगी।

मैं मॉम-डेड के पास गया। अपने मुझसे झुठ क्यों कहा मेघना तो बिल्कुल ठीक है। देखों आदित्य बेटा ये सब हमने केशव की दिली तसल्ली के लिए किया था। क्योंकि मां-बाप अपनी बेटी की शादी इतनी दूर करने से पहले लाख बार सोचते है। लेकिन हम देख रहे थे। केशव ने हमारी खुशी के लिए इस रिश्ते के बारे में बिल्कुल नहीं सोचा था। और बेटा हमें तुम पर गर्व है तुमने आज केशव के आगे हमारा सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। अब मैं समझता हूं। केशव अब निश्चित रहेगा उसने अपनी बेटी का हाथ एक सही इंसान के हाथ में दिया हैं। लेकिन बेटा इससे तुम्हें जो तकलीफ हुई। उसके लिए..। नहीं डेड आपकी इस दोस्ती पर मुझे गर्व है। मैं मेघना को अपने जीवनसाथी के रूप में पाकर बहुत खुश हूं।

लेखिका:-
सैयद शबाना अली