खिड़कियां के वरिष्ठ पत्रकार हाजी रफी का इंतकाल मंगलवार11बजे की रात को हो गया था उनकी उम्र लगभग 55 वर्ष थी भरा पूरा परिवार छोड़कर चले गए  अंतिम यात्रा उनके निजी निवास खिड़कियों  के कर स्थान कब्रिस्तान में दफनाया गया हाजी रफीक जनाजे की नमाज में सैकड़ो लोगों ने शामिल हुए हरदा जिले के खिड़कियां तहसील सिराली हंडिया एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों शामिल हुए मैं बहुत मिलन सर व्यक्ति के धनी थे उन्होंने सामाजिक जनहित कारों में बहुत सारा अधिकार किया पत्रकारता की कलम से उन्होंने लोगों का दिल जीत रखा था उनकी पत्रकारिता निष्पक्ष पत्रकारिता करते थे वर्ग के लोगों से उनका जुड़ाव था वह सभी से हंस बोलकर मिलकर रहते थे वह 13 तारीख का भी दरभंगा से करते आए थे उनके जीवन काल में पत्रकारिता ही एक लक्ष्य था आखिरी समय पर भी वह अपने कार्य में लगे हुए थे लेकिन खुद को कुछ और मंजूर था जो वह आज हमारे बीच में नहीं रहे उनकी कमी हमेशा महसूस होती रहेगी उनके परम मित्र आशुतोष जो उनके पत्रकारिता के साथी थे उन्हें उनको अपने मित्र खोने का दर्द साफ झलकता दिख रहा था उनके आंखों से आंसुओं के आधार कह रहे थे इन दो दोस्तों में अटूट दोस्ती का संबंध था अपने जीवन काल में हर कदम पर दोनों को साथ रहते थे आज उनकी यात्रा में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी धर्म के लोग शामिल हुए जिसमें राजनीतिक लोगों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की थी उनकी मौत की खबर सुनकर उनके मित्रों में शोक प्रकट हो गया था हरदा शहर के भी पत्रकारों ने आज ही  रफीक खानकि यात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की हरदा शहर के इन पत्रकारों ने उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए प्रदीप शर्मा,संदेश पारे, अब्दुल समद,प्रवीण तावर मोहम्मद चिश्ती सैयद अशफाक अली,सुनील राठौर जफर अंसारी अखिलेश बिल्लौरे वसीम खान,फैयाज खान, मोइन अख्तर अकील खान,सलीम शाह,सुनील मालाकर संदीप भदोरिया एवं सभी साथियों ने मिलकर श्रद्धांजलि दी