Harda News : 23 सितंबर की घटना ने पुरे हरदा जिले को हिला के रख दिया था। एक बहसी इंसान की गंदी सोच ने पुरे हरदा शहर का महौल खराव कर दिया था। घटना को लेकर पुरे जिले भर में आक्रोश फैल गया था। जिसकी जानकारी आग की तरह पूरे जिले में शाम तक फैल गई। घटना में हैवानियत सर चढक़र बोली थी, इसलिए चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था । उस बहसी दरिंदे को लेकर पब्लिक के मन में बेहद आक्रोश था। हर कोई चाहता था कि बहसी दरिंदा जल्द से जल्द पुलिस की पकड़ में आ जाए। लेकिन आरोपी बहुत शातिर दिमाग था जो बार-बार पुलिस को चकमा दे रहा था। लेकिन हरदा पुलिस ने इस बहसी दरिंदे को पकडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी दिन रात नहीं देखे। इस दरिंदे पकडक़र ही दम लिया। इस दौरान ऐसे लोग भी सामने आये,जो पुलिस की नाकामी पर भी सवाल उठने लगे।
यह मानव स्वभाव है जब भी इस तरह की घटना होती है पुलिस पर उंगलियां उठती ही है। लेकिन देखा जाए तो पुलिस का रोल घटना के बाद शुरू होता है। किसी गांव में, ग्रामीण के द्वारा मासूम बच्ची को बहला फुसला कर साथ ले जाने का काम, बच्ची के घर वाले नहीं रोक पाए तब पुलिस कैसे रोकपाती, मन में यह सवाल आना चाहिए।
किंतु घटना के बाद अगर पुलिस आरोपी को पकडऩे में नाकामयाब है तब पुलिस पर भी उंगली उठाना चाहिए। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया । पुलिस पकडऩे में जुट गई। पुलिस अधीक्षक ने अलग-अलग टीम बनाकर सर्चिंग का काम शुरू कर दिया। फिर भी आरोपी को पकडऩे में दिन प्रतिदिन समय सीमा बढ़ती गई । इसलिए लोग चिंता में थे। रूटिंन के तौर पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो ऐसे समय में नाराज हो जाते हैं । राजनीति शुरू कर देते हैं ।
खैर..ऐसे लोगों के लिए मुझे कुछ नहीं कहना, यह उनका अधिकार है।
जिस दिन घटना हुई उस दिन से लेकर कल तक पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे से मैंने कोई बात नहीं की। क्योंकि घटना की संपूर्ण जानकारी मिल चुकी थी। पुलिस किस तरह की मेहनत में लगी हुई है यह जानकारी भी छन-छन कर बाहर आ रही थी। ऐसी स्थिति में उनसे बातचीत करके उनको डिस्टर्ब करने का मन बिल्कुल नहीं था।
रविवार को जब दरिंदा पकड़ लिया गया। जिले के नागरिकों में उत्साह बढ़ गया। चारों तरफ खुशी का माहौल दिखने लगा। पुलिस भी सफलता हाथ लगने के बाद अपने काम से संतुष्ट नजर आने लगी ।
तब मैंने एसपी अभिनव चौकसे जी से बात करना उचित समझा ।
दिन भर की व्यस्तताओं को देखते हुए दिन में कोई बात नहीं की।
रात को 10.00 बजे के लगभग उनसे बातचीत हुई।
मोबाइल रिसीव होते ही उन्होंने नाम लेते हुए बोला, बताइए ।
मैंने कहा सर आज तो पूरे जिले के लोगों का दिल खुश कर दिया आपकी टीम ने। लोग खुशी से झूम उठे है। शायद प्रत्येक नागरिक के मन में यह बात थी कि दरिंदा पकड़ा जाए, इसलिए खुशी हर तरफ दिखाई दी है।
दरिंदा पकड़े जाने की खबर फेसबुक पर पोस्ट की थी उसमें मिलने वाली बधाइयां का जिक्र भी मैंने किया । लोगों के मन में दरिंदा पकड़े जाने पर किस तरह की खुशी है लोगों के कॉमेंट्स में बात खुलकर सामने आई।
एसपी सर ने शांत मन से सब कुछ सुना। फिर उनके निराले अंदाज में बोले-आप बताओ आप खुश हो की नहीं !
मैंने हंसते हुए सवाल को टाल दिया। बोलता भी क्या ?
आगे उन्होंने बताया कि आरोपी को पकडऩे की मशक्कत कुछ इस तरह थी कि आरोपी आगे आगे चल रहा था और पुलिस टीम पीछे-पीछे, इसलिए समय अधिक लग गया।
खालवा से आरोपी चला, जो रहटगांव के जंगल तक आ गया। हर बार पुलिस को सूचना मिलती कि फलां जगह देखा गया। पुलिस सर्चिंग के लिए पहुंचती इसके पहले फिर वह स्थान बदल देता था।
फिर बोले- मुझे विश्वास था कि हम आरोपी को पकड़ लेंगे, कोई कुछ भी बोले लेकिन हमने हमारा मनोबल कम नहीं होने दिया ।
फिर कहने लगे- हम इस नौकरी में आए हैं अगर आरोपी ना पकड़ा जाए तब नौकरी करने का क्या मतलब?
फिर बोले- इस 6 दिन में हमने रहटगांव को जिला बना दिया था। ग्रामीण क्षेत्र के राजाबरारी, गोराखाल और कायदा गांव को कंट्रोल रूम बना दिया था। पुलिस हैडक्वाटर। मैं वहीं पर कंट्रोल रूम में रहता था।
जहां से भी सूचना मिलती तुरंत एक्टिव होते थे।
एक गांव में तीन-तीन पुलिस वालों को बैठा दिया गया था सिविल ड्रेस में।
फिर बोले- रात में सिर्फ 2 घंटे सोते थे। 3.00 बजे रात तक काम करते थे और सुबह 5.00 बजे फिर उठ जाते थे।
एसपी ने बताया कि यह नियम है, जंगल में अगर आरोपी को पकडऩा है तो आपको 5.00 बजे के पहले उठना पड़ेगा। और सिर्फ एसपी को ही नहीं उठाना है पूरी टीम को उठाना पड़ेगा। टीम के पूरे 200 लोग उठ जाते थे।
फिर बोले- ट्रेनिंग में यह बात बतायी जाती है । सुबह 5.00 का ऐसा समय होता है जब लोग इधर से उधर जाना शुरू करते हैं सर्चिंग के लिए ठीक होता है।
एसपी आगे बोले- ऐसे अभियान में टीम लीडर का रोल बेहतर होना चाहिए। जिम्मेदारी से बचने के लिए हम किसी और के कंधे पर नहीं डाल सकते ।
यह नहीं कह सकते कि हमारे टीआई ने ऐसा नहीं किया। जब एसपी खुद जंगल में जाकर बैठ जाएगा, तब टीआई को तो जाना ही पड़ेगा।
फिर बोले- 200 लोगों का भोजन उनके स्थान पर पहुंचाते थे। किसी को भी कहीं जाने की अनुमति नहीं थी। सिर्फ मोर्चे पर डटे रहने के आदेश थे। सूचनाए जुटाओ और सूचना मिलने का इंतजार करो।
एसपी बोले- इस घटना पर सबकी नजर थी। आज आरोपी पकड़ लिया गया, तब समझ लिए की मध्य प्रदेश में हरदा से ही इसकी शुरुआत हुई है यह हम सबके लिए गर्व की बात है।
फिर बोले- यहां के लोग बहुत अच्छे हैं इस सर्चिंग अभियान के दौरान मैंने खुद ने अनुभव किया है।
एसपी, हरदा के लोगों को बधाई देते भी नजर आए। बोले,यहां के लोग सहयोग करने वाले हैं।
एसपी, कुछ को लेकर नाखुश भी नजर आए। जिसका जिक्र यहां किया नहीं जा सकता ।
बातें तो और भी है, लेकिन खास-खास बिंदु आपके सामने रखने का प्रयास किया है।
एस आई सदीप कुशवाह.प्रधान आरक्षक अमित शर्मा.आरक्षक अनिल मालवीय ने रहटगाव के गांव में सर्चिंग ऑपरेशन किया था। अगर पुलिस और प्रशासन ने अपना काम पूरी इमानदारी से करें, तो एक सुरक्षित प्रदेश बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा सकता है। आगे ऐसी कोई घटना दुवारा नहीं हो इस के लिए भी सभी लोगों को और पुलिस और जिला प्रशासन को शतक रहने की जरूरत है।