Harda News : ये आम बात हैं सरकारी अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा मरीजों और उनके परिजनों के साथ अच्छा बरताव नहीं किया जाता हैं। मरीजों को ईलाज के लिए कई दिनों तक परेशान किया जाता हैं। तब कही जाकर मरीज का ईलाज होता हैं। ज्यादा से ज्यादा तो मरीजों टला ही जाता है। कल आना परसो आना। या तो डॉक्टर्स ही अस्पतालों मौजूद नहीं रहते हैं। जरा कोई सीरियस कैस आया कह देते हैं। इन्दौर ले जाओं भोपाल लें जाओं। अब वो ही बात हैं। मरीज के पास इन्दौर भोपाल जाने के पैसे होते तो यहां आता ही क्यों? जब सरकार सारी सुविधा मुहिया करा रहीं हैं। फिर सरकारी अस्पतालों में क्यों नहीं प्राइवेट अस्पतालों जैसी सुविधा नहीं दी जा सकती। आम जानता की इसी समस्या के मद्देनजर रखते हुए आज हरदा जिला कलेक्टर आदित्य सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों निर्देश दिए के शासकीय अस्पतालों में भी प्राइवेट नर्सिग होम्स की तरह सुविधा दी जाए। मरीजों सम्मान किया जाए।
कलेक्टर आदित्य सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में उपस्थित सभी डॉक्टर्स को निर्देश दिये कि सभी शासकीय अस्पताल समय पर खुलें और वहां चिकित्सक व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ समय पर पहुँचकर मरीजों का उपचार करें। उन्होने कहा कि शासकीय अस्पतालों का संचालन प्राइवेट नर्सिंग होम्स की तरह व्यवस्थित ढंग से किया जाए जहाँ कि मरीजों को पूरा सम्मान मिले और उसका उपचार भी अच्छी तरह हो। उन्होने सभी शासकीय अस्पतालों का फायर ऑडिट कराने के निर्देश भी बैठक में दिये। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एच.पी. सिंह, सिविल सर्जन डॉ. मनीष शर्मा, नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड के राज्य सलाहकार डॉ. विवेक मिश्रा सहित अन्य चिकित्सक भी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने कायाकल्प अभियान के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार के निर्देश दिये।