Harda News : हरदा दौरे पर आए भारत सरकार के अनुसूचित जनजाति कार्य विभाग के राज्य मंत्री एवं क्षेत्रिय सांसद दुर्गादास उइके से रेलवे स्टेशन के दुकानदारों ने आवेदन देकर अपनी दुकानों के विस्थापन के लिए उनको अपनी बात रखी जिला प्रशासन राजस्व विभाग नगर पालिका परिषद ने संयुक्त रूप से मिलकर इन दुकानदारों की 37 दुकानों को अतिक्रमण बताकर हटा दिया था।
माननीय उच्च न्यायालय ने पांच दुकानों को स्टे दिया हुआ था मगर जिला प्रशासन और नगर पालिका के 400 से अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मिलकर अपनी मनमानी करते हुए उन दुकानदारों को सुबह 6.00 बजे 2 पोकलैंड मशीनों और 2 जेसीबी की मदद से 3.30 घंटे में तोड़ दिया हरदा कलेक्टर को इस बात की संज्ञान में था।
187/1 खसरे में यह सब दुकान है बनी हुई थी। जिला प्रशासन भी सभी दुकानों पर संयुक्त रूप से ही कार्रवाई करना चाहता था मगर ऐसी कौन सी मजबूरी बन गई जो उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए बाकी 37 दुकान तोड़ दी गई वह पांच दुकान छोड़ दी गई पटवारी एवं एसडीएम ने सभी 42 दुकानदारों को खसरा 187/1 नोटिस जारी किया था।
सभी दुकानदारों के खसरे एक जैसा है फिर भी उच्च न्यायालय के पांच दुकानों के स्टे इन सभी दुकानों पर उच्च न्यायालय में विचार चार दिन में था। होने के बावजूद भी ऐसी कौन सी जल्दी बाजी थी उन दुकानदारों को हटाने की जिला प्रशासन ने उच्च न्यायालय की अवहेलना की है।
माननीय उच्च न्यायालय को कलेक्टर जिला कलेक्टर एसडीम नगर पालिका अधिकारी एवं पटवारी के ऊपर से जवाब मांगना चाहिए कि जब मामला उच्च न्यायालय में था तो आपने उनसे 37 दुकानों को तोडऩे में इतनी जल्दबाजी क्यों की?
सभी दुकानों का उच्च न्यायालय में न्यायालय प्रतिक्रिया में प्रतिबद्धता था। जिला प्रशासन को उच्च न्यायालय में विचाराधीन दुकानदारों स्टे में विचार करना था। सोमवार को हुई कार्रवाई के बाद सभी दुकानदारों को माननीय उच्च न्यायालय ने स्टे दे दिया था।
आप इन बेचारे दुकानदारों का क्या कसूर था की जिला प्रशासन को इतना जल्दबाजी करने की क्या जरूरत थी आज व्यापारियों ने केंद्रीय मंत्री डी के ऊईके को अपनी दुकानों के संबंध में बात की दुकानों को अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया गया आवेदन दिया और कहा कि विगत 50 से 60 वर्षों से उनके पूर्वजनों द्वारा इस दुकानों पर व्यवसाय संचालन करते आ रहे हैं।
नगर पालिका में भी इन दुकानों की लीज को होल्ड पर रखा है ना कि लीज को रद्द किया गया। इस समय बारिश के मौसम में इन दुकानदारों को रोजी-रोटी का संकट सता रहा है। सभी दुकानदार इधर-उधर भटक रहे हैं कि उन्हें कहीं पर भी जगह मिल जाए तो वह अपने दुकान संचालन करके घर का पालन पोषण कर सकें सभी दुकानदारों के छोटे-छोटे बच्चे हैं जो की निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं और उन बच्चों की फीस की समस्या उत्पन्न हो रही है।
निजी स्कूल वाले उनको स्कूलों में नहीं बैठने दे रहे हैं ।स्कूल संचालक कह रहे हैं कि कि आप बच्चों की फीस जमा करें तो आपको बच्चों को स्कूल में बिठाया जाएगा। अब ऐसे में इन परिवारों में दोहरा संकट मंडल गया है । एक तरफ बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। एक तरफ रोजी-रोटी का संकट है। अब उनके समझ में नहीं आ रहा कि अब क्या करें?
जिला प्रशासन इनको बस आश्वासन दे रही है इनकी दुकानदारों की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा रही है। ऐसे में इन परिवारों के ऊपर आर्थिक संकट बना हुआ है। इन 37 दुकानदारों में लगभग 400 लोगों का पालन पोषण होता आ रहा था।
मध्य प्रदेश सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के बड़े-बड़े वादे करती आ रही है जिला उद्योग के माध्यम से रोजगार शिविर लगाकर बेरोजगार को रोजगार देने का वादा रही है। और हरदा जिला प्रशासन जो रोजगार कर रहे हैं उन्हें बेरोजगार कर रहे हैं । रेलवे स्टेशन के व्यापारियों को कोई वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में नहीं सोच रही है।
केंद्रीय मंत्री उइके को आवेदन देने इन दुकानदारों सैकड़ो की तादाद में मौजूद रहे वीरेंद्र कुमार तिवारी उर्फ मोनू, सैयद इसरार अली,इकबाल हुसैन, पंकज शर्मा,रतीलाल कुशवाह,सैयद इरशाद अली, सैयद इस्तक अली, सैयद नौशाद अली, गिरजा शंकर,शेख नईम, शाहिद खान,गिरिराज शंकर,रवि गाडरी, मनीष अग्रवाल, मुन्ना अग्रवाल,सैयद अशफाक अली, शाहिद अली,शोभा वाजपेई, प्रमोद बाजपेई, संजय पाटिल, जितेंद्र कैथवास, अमर कुशवाहा मौजूद रहे
दुकानदारों ने कहा कि अभी तक नगर पालिका को किराया देते आ रहे हैं। अभी हमें विगत 2 महीने से हमारी दुकानों लीज का किराया नहीं लिया गया नगर पालिका ने लीज को होल्ड पर रखा था जबकि हम अतिक्रमण में नहीं आते एसडीएम नगर पालिका सीएमओ एवं तहसीलदार कहना हैं कि हाई कोर्ट के आदेश से तोड़ा गया है जबकि हमें हाईकोर्ट ने स्टे मिला है इसके बाद भी हमारी दुकानों को तोड़ दिया गया हमें किसी ने नहीं सुना और दुकानों को हटा दिया गया हम सभी दुकानमालिकों के परिवारों को रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है केंद्रीय मंत्री हमें पुन व्यवसाय स्थापित करने की व्यवस्था कराई जाए