Be cautious of snakebite incidents during rainy seasonHarda News

सर्पदंश के उपचार हेतु एन्टी स्नेक वेनम पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध डॉ. सिंह

Harda News :  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच. पी. सिंह ने बताया कि वर्तमान में वर्षा ऋतु में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती है। इस दौरान सांप व अन्य जीव जंतु अत्यधिक सक्रिय हो जाते है और मानव बस्तीयों के नजदीक आ जाते है।

इस कारण सर्पदंश की घटनायें होती है। डॉ. सिंह ने सभी जिले वासियों से अपील की है, कि बरसात के मौसम में सचेत रहे और यदि सर्पदंश की घटना घटित होती है, तो मरीज को बिना किसी देरी के तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे, जिससे समय पर इलाज प्रारंभ किया जा सके।

डॉ. सिंह ने बताया कि सभी स्वास्थ्य संस्थाओं पर पर्याप्त मात्रा में सर्पदंश के उपचार के लिये एन्टी स्नेक वेनम उपलब्ध है और सर्पदंश का उपचार सभी स्वास्थ्य संस्थाओ में चौबीस घण्टे निःशुल्क उपलब्ध है।

डॉ. सिंह ने बताया कि उपयोग करने से पहले स्लीपिंग बैग, जुते, कपड़ों को खोलकर हिलाएं, जिससे उसमे छुपे हुए सांप व अन्य कीड़े भी बाहर निकल जाये। किसी भी पेड़ के नीचे बैठने से पहले जमीन की जांच कर लें। झांडियो या गहरी रेत में चलते समय जुते, मोजे और लंबी पत्तलुन पहने। रात में टहलते समय या जलाने की लकड़ियों को इकट्ठा करते समय या शौच करते समय विशेष रूप से भारी बारिश के बाद टार्च का प्रयोग करें। झरनों, नदियों और झीलों के पास के किनारे पर जाते समय विशेष ध्यान रखे।

सांपो को परेशान न करें, न उनके पास जायें। जो लोग जमीन पर सोते है, वो नार्मल मच्छरदानी का उपयोग करें। यथा संभव पंलग पर ही सोये। ऐसी जगह पर जहां सांपो का खतरा रहता है, वहां पर छड़ी से जमीन पर आवाज करते हुए चले। पत्थरों के नीचे गड्डे के अंदर जिन जगहों पर सांपो के छुपे होने की आंशका रहती है, उन जगहों से छेड़छाड़ न करें। अपने घर के आसपास की घास समय. समय पर कटवाते रहे। घर या दुकान के पास में किसी तरह का कचरा या कुडा, कबाड़ इकट्ठा न करें। घर या दुकान में छोटे गड्ढे और दरार है तो उसे बंद करें।

सांप को अकेला छोड़ दें, कई बार सांप के ज्यादा नजदीक आने के कारण लोग सर्पदंश का शिकार बन जाते हैं। अपने हाथ व पैर को उन स्थानों से यथा सम्भव दूर रखें, जहाँ पर आपकी दृष्टि नही पड़ती है, जब तक आप सांप की आक्रमण परिधि से सुरक्षित दूरी पर न हो, पत्थर व लकड़ी से मारने का प्रयास न करें। यदि मजबुत चमडे़ के जुते न पहने हो, तो ऊंची घास वाले स्थानों से दूर रहे, जहां तक सम्भव हो स्वयं को पगडण्डियों तक सीमित रखें। पानी का मटका भूमि से ऊपर स्टेंड पर ही रखें।
डॉ सिंह ने सर्प दंश के लक्षण के बारे में बताया कि सर्प काटने वाली जगह पर दर्द, सुजन, काटने के स्थान पर छिद्र या दांत के निशान, लालिमा या नीला पड़ना, उल्टी व जी मचलाना, अकड़न व कपंकपी, एलर्जी, स्किन कलर में बदलाव, पेट दर्द, दस्त, बुखार सिरदर्द, काटने वाली जगह काली पडने लगी हो, कमजोरी, प्यास लगना, लो बीपी, घाव से खुन बहना, अंगो के आसपास के हिस्से का सुन्न पड़ना, पीड़ित को आखे खोलने तथा बोलने में कठिनाई होना, पेशाब में खुन बहने, सांस रुकने लगेगी एंव अंगो के काले पड़ने की संभावना, जैसे लक्षण दिखाई दें, तो मरीज को तत्काल अस्पताल लेकर जावें।

यदि सर्पदंश की घटना घटित हो जाए, तो शांत रहे, घबराये नही, पीड़ित को आराम दें, सर्पदंश स्थल को स्थिर रखें, जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंचे, सर्पदंश स्थल को साफ व खुला रखे, सांप के पहचाने की कोशिश करें, बस उसके रंग आकार व अन्य विशेषताओं को याद रखें।

सर्पदंश की स्थिति में घाव को काटने या चुसने का प्रयास नहीं करना चाहिए, बर्फ या आईसपैक न लगाये, शराब या अन्य नशीले पेय पदार्थ का सेंवन न करें। घाव को धोने की कोशिश न करें, स्वयं से किसी भी प्रकार की दवाई मरीज को न दें। सपेरे या तांत्रिक झांड फुक के चक्कर में न पडे़, नजीदीकी अस्पताल तक पहुंचे और निःशुल्क 108 एम्बुलेन्स को फोन करें।