Agricultural scientists have developed a new approach for soybean cropHarda News

पावनसिटी खंडवा:सोयाबीन फसल के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को उपयोगी सलाह दी है। किसानो भाईयो को सलाह दी गई है कि अधिक वर्षा होने की स्थिति में खेत से जल निकास की व्यवस्था करे। कीट-व्याधि की खेत में सतत निगरानी करे तथा रसचूसक कीटों के लिए 15-20 प्रति एकड़ क्षेत्र में एक पीला प्रपंच लगाएं। कीट व्याधि से बचने के लिए लाईट ट्रेप 1 प्रति हेक्टर का उपयोग करें । इसके अलावा फेरोमेन ट्रेप का भी खेतों में उपयोग करें। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि अपने खेतों में “टी” आकार की खूटीया पक्षियों को बैठने के लियें लगाए। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को अपने खेतों में संतुलित उर्वरक व दवाईयो का उपयोग करने की सलाह दी है।
कृषको को यह सलाह है दी गई कि 3 सप्ताह तक की सोयाबीन फसल में आगामी 30-40 दिन तक पर्णभक्षी कीटो से बचाव हेतु क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 100 मि.ली.प्रति हेक्टेयर. का छिड़काव किया जा सकता है। रससूचक कीटो से बचाव व नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस. एल. 0.2 मि.ली/लीटर या फिप्रोनिल 5 एस. सी. 2 मि.ली/लीटर की दर से प्रति हैक्टर 500 लीटर पानी में घोल बनाकर 10-15 दिन के अन्तराल से दो बार छिडकाव करें। लगभग 1 माह की सोयाबीन फसल होने पर गर्डल बीटल का प्रकोप प्रारंभ होने की संभावना रहती है।
कृषको को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से फसल की निगरानी करे तथा लक्षण दिखते ही प्रोफेनोफॉस 1000 मि.ली. प्रति हेक्टेयर अथवा थायक्लोप्रीड 650 मि.ली. प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करे। ग्रसित पौध अवशेषो को प्रारम्भिक अवस्था में ही तोड़ कर निष्कासित करें।
किसानों को सलाह दी गई है कि अधिक वर्षा होने एवं खेत में अधिक समय तक पानी जमा रहने के कारण सोयाबीन के खेतो में कॉलर रोट बीमारी का प्रकोप होता है। अतः अपने खेतो से अतिरिक्त पानी के निकासी की व्यवस्था करे । साथ ही हस्तचलित डोरा चलाएं एवं कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम /ली. पानी की दर से पौधो की जड़ो के पास नोजल रहित स्प्रेयर की सहायता से ड्रेन्चिंग करे।
सोयाबीन की फसल 15-20 दिन की होने पर खरपतवार नियंत्रण आवश्यक है। खरपतवार नियंत्रण के लिए हाथ से निंदाई , डोरा, कुल्पा चलाएं और बोनी के पश्चात् खड़ी फसल में उपयोगी खरपतवार नाशक इमाझेथापीर या क्विझालोकॉप इथाइल, क्विझालोफॉप-पी-टेफूरी या फिनोक्सीप्रॉप्-पी- इथाइल 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या क्लोरीमुरान इथाइल दर 36 ग्राम प्रति हेक्टेयर रसायनो का छिडकाव कर खरपतवार नियंत्रण अवश्य रूप से करें।